देहरादून: एशिया में शीर्ष पायदान के बिज़नेस स्कूल इण्डियन स्कूल ऑफ बिज़नेस, हैदराबाद ने नरोपा फैलोशिप के लिए एक एकेडमिक मॉड्यूल डिज़ाइन किया है- हाल ही में लॉन्च किया गया यह प्रोग्राम हिमालयी एवं भारतीय लीडर्स को सशक्त बनाएगा। नरोपा फैलोशिप की शुरूआत आईएसबी के संस्थापक डॉ प्रमथ राज सिन्हा और हिमालयी दिग्गज महामहिम दु्रकपा थुकसे रिनोपचे द्वारा की गई। आईएसबी और नरोपा फैलोशिप अब औपचारिक साझेदारी में हिमालय के युवाओं को उद्यमिता कौशल में शिक्षित करने जा रहे हैं। इस एकेडमिक प्रोग्राम में शामिल ‘डिज़ाइन चैलेंज’ फैलोज़ को सिखाता है कि क्षेत्र की समस्याओं को कैसे पहचाना जाए और कैसे रचनात्मक समाधानों द्वारा इसे हल किया जाए।
हिमालयी क्षेत्रों जैसे उत्तराखण्ड, हिमांचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, शिलांग, लद्दाख में ढेरों ऐसी चुनौतियां हैं, जो दुनिया के किसी और क्षेत्र में मौजूद नहीं हैं। अपनी अनूठी भौगोलिक संरचना और मुश्किल इलाकों के चलते यहां आर्थिक एवं पर्यावरणी मुद्दे हैं, सार्वजनिक संस्थानों के रखरखाव, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं हाइजीन से जुड़े मुद्दे बड़े पैमाने पर मौजूद हैं।
चार दिनों के पाठ्यक्रम में शामिल ‘‘डिज़ाइन चैलेंज’’ मॉड्यूल फैलोज़ को डिज़ाइन थिंकिंग के सिद्धान्त सिखाता है। इसके लिए छात्रों को चौदह टीमों में बांटा गया, जिन्हें आर्एसबी की डी-लैब्स टीम के मार्गदर्शन में क्षेत्रीय समस्याओं को पहचानने और समझने का मौका मिला। सबसे पहले उन्हें डिज़ाइन थिंकिंग के विभिन्न अवयवों तथा डेटा कलेक्शन तकनीकों का परिचय दिया गया। इसके बाद उन्हें उन वास्तविक समस्याओं के अवलोकन का मौका मिला, जिनका सामना उन्हें करना पड़ सकता है।
चैलेंज पूरा होने पर अपूर्व बंबा (मास्टर कोच- एंटरेप्रेन्यूरशिप टै्रक, नरोपा फैलोशिप) ने कहा ‘‘चैलेंज ने फैलोज़ को क्षेत्र की समस्याओं एवं स्थानीय लोगों की चुनौतियों को समझने का अवसर प्रदान किया। अब हम उनके साथ सर्वश्रेष्ठ एवं व्यवहारिक समाधानों पर काम करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि अनुसंधान के तहत फैलोज़ को लेह नगर के सामाजिक-सांस्कृतिक एवं आर्थिक पहलुओं के बारे में जानने का अवसर मिला। उन्होंने अपने प्रेक्षणों को स्कैचिंग और रिकॉर्डिंग के रूप में दस्तावेजीकृत किया।