लखनऊ: निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म डा0 रोशन जैकब औरजिला प्रशासन के सहयोग से अवैध खनन और उपखनिजों के अवैध परिवहन के खिलाफ जनपद जालौन में स्वीकृत मौरम के खनन पट्टों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान ओवरलोडिंग के कुल 52 वाहन पकड़े गये। इनमें से 10 वाहनों को जनपद जालौन के थाना बन्धौली और 42 वाहनों को थाना कदौरा में सीज किया गया है। इन वाहनों पर शास्ति (पेनाल्टी) एवं खनिज मूल्य वसूलने की कार्यवाही जालौन के खान अधिकारी द्वारा की जाएगी।
डा0 रोशन जैकब ने बताया कि जनपद जालौन के ग्राम बन्धौली में स्वीकृत 5 वर्षीय खनन पट्टा एवं ग्राम पथरेटा में मे0 यूरेका माइन्स के पक्ष में स्वीकृत खनन पट्टों की गलत पैमाइश करने के कारण सर्वेक्षक श्री रामनाथ यादव का निलम्बन किये जाने के निर्देश दिये गये है। इसके साथ ही पर्यवेक्षणीय कार्य में शिथिलता बरतने के आरोप में खान अधिकारी, जालौन को आरोप पत्र निर्गत किया जायेगा।
निदेशक ने बताया कि ग्राम पथरेटा में स्वीकृत अल्प अवधि के खनन अनुज्ञा पत्र की पैमाइश सर्वेक्षक द्वारा सही ढंग से नहीं की गयी है, जिसकी पुनः पैमाइश सर्वेक्षक द्वारा की जायेगी। सर्वेक्षण उपरान्त यदि अवैध खनन पाया जाता है तो सम्बन्धित पट्टेधारक/परमिट धारकों को नोटिस भेजकर रायल्टी एवं खनिज मूल्य वसूलने की कार्यवाही खान अधिकारी, जालौन द्वारा की जायेगी। उन्होंने बताया कि ग्राम पथरेटा में मे0 यूरेका माइन्स के पक्ष में स्वीकृत 05 वर्षीय खनन पट्टे के पट्टेधारक द्वारा बगल की सरकारी जमीन पर एवं रिक्त पड़े हुए आवंटित होने वाले नये खण्ड में अवैध खनन किया गया। इसके अतिरिक्त पट्टेधारक द्वारा पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र में उल्लिखित खनिज की मात्रा से अधिक का खनन किया गया। इसके लिए खनन पट्टे का निरस्तीकरण एवं पट्टेधारक को ब्लैकलिस्ट किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
डा0 रोशन जैकब ने बताया कि ग्राम पथरेटा में एसोसिएटेड कार्मस के पक्ष में स्वीकृत अल्पावधि का खनन अनुज्ञा पत्र धारक द्वारा अपने क्षेत्र के बाहर अवैध खनन किया गया। इसके लिए अनुज्ञा पत्र को निरस्त करते हुए शास्ति वसूली जायेगी।
निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म ने बताया कि जनपद जालौन में स्वीकृत खनन पट्टों पर सी0सी0टी0वी0 कैमरे वाहन निकासी में लगे हुए पाये गये, परन्तु पट्टा क्षेत्र में हो रहे खनन संक्रियाओं के सुपरविजन के उद्देश्य से कोई भी सी0सी0टी0वी0 कैमरा लगा हुआ नहीं पाया गया। उन्होंने बताया कि खनन पट्टा क्षेत्रों में सीमा स्तम्भ सही ढंग से लगे हुए नहीं पाये गये, जिसकी जियोटैगिंग पर भी जिला स्तर पर विचार किया जा सकता है।