लखनऊ: विकास के पथ पर उत्तर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण नीतिगत परिवर्तन हुए हैं, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती और स्थिरता मिलेगी। यह विचार उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री श्री राजेश अग्रवाल ने आज यहां अटल बिहारी सांइटिफिक कन्वेंशन सेन्टर में ‘भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रतिमान परिवर्तन-बेहतर समावेश के साथ विकास के नवीन कारक‘ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन करने के अवसर पर व्यक्त कियेे।
वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्व में मात्र विकास की बात कही जाती थी, किन्तु जो विकास आज धरातल पर स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रहा है, उसका श्रेय वर्तमान सरकार के प्रयासों को जाता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि प्रधान होने के साथ-साथ एक औघोगिक राज्य के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। बडे़-बडे़ उद्योग लगाये जा रहे हैं, जिसका लाभ युवा पीढ़ी को अवश्य होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार आर्थिक रूप से प्रदेश को सुदुढ़ करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि गत फरवरी में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में 4.68 लाख करोड़ रूपये से अधिक के एम0ओ0यू0 साइन किये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रथम चरण में 60 हजार करोड़ की 81 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया। इन परियोजनाओं से न केवल प्रदेश के औद्योगिक विकास में गति आयेगी, बल्कि युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार भी मिलेगा।
श्री अग्रवाल ने कहा कि भिन्न-भिन्न प्रकार की जलवायु क्षेत्र होने के कारण भारत में विभिन्न प्रकार की फसलें होती हैं। अगर वास्तव में कृषि योग्य भूमि का यथोचित दोहन कर लिया जाये, तो अर्थव्यवस्था को और अधिक मज़बूत किया जा सकता है। उन्होंने ने कहा कि सरकार ने जी0एस0टी0 को लागू कर अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया है।
इस अवसर पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार, सी.सी.एस. विश्वविद्यालय, मेरठ के कुलपति प्रो. एन0के0तनेजा और जी.बी.टी. विश्वविद्यालय नोएडा के कुलपति प्रो. बी0पी0शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।