20.7 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

पहली बार गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य के त्वरित भुगतान

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रदेश में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ऐतिहासिक गन्ना मूल्य का भुगतान चीनी मिलों द्वारा किया गया है, जिसमे गत पेराई सत्र 2017-18 के देय गन्ना मूल्य रू.35,463.68 करोड़ के सापेक्ष रू.34,202.82 करोड़ भुगतान हो चुका है तथा रू.1,260.86 करोड़ अवशेष है। इसके अतिरिक्त वर्तमान पेराई सत्र के देय गन्ना मूल्य रू.10,969.86 करोड़ के सापेक्ष रू.5,249.26 करोड़ तथा इससे पूर्व के पेराई सत्रों का भी रू.10,605 करोड़ का भुगतान कराया गया है। इस प्रकार कुल रू.50,057.53 करोड़ का रिकाॅर्ड गन्ना मूल्य भुगतान वर्तमान सरकार द्वारा सुनिश्चित कराया जा चुका है, जो दो पूर्ववर्ती पेराई सत्रों 2015-16 एवं 2016-17 के सम्मिलित रूप से देय कुल गन्ना मूल्य रू.43,389करोड़ से रू.6,668 करोड़ अधिक है। इसके अतिरिक्त भी भुगतान न करने वाली चीनी मिलों के खिलाफ भी नीलामी आदि के माध्यम से वसूली की कार्यवाही प्रगति पर है।

    यह जानकारी गन्ना मंत्री श्री सुरेश राणा ने गन्ना संस्थान में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में उपस्थित प्रेस प्रतिनिधियों को दी। उन्होने बताया कि कृषकों के हित में पेराई सत्र 2017-18 के देय गन्ना मूल्य का त्वरित भुगतान सुनिश्चित कराये जाने के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा चीनी मिलों को उनके बकाये गन्ना मूल्य का भुगतान कराये जाने हेतु सरकार द्वारा प्रदेश में पहली बार गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य के त्वरित भुगतान हेतु चीनी मिलों को सरल ब्याज पर ऋण दिए जाने हेतु “चीनी उपक्रमों-2018 को वित्तीय सहायता दिये जाने की योजना” घोषित की गयी तथा इस हेतु रू.4,000 करोड़ के ऋण की व्यवस्था की गई, जिसके अन्तर्गत 50 चीनी मिलों को रू.2,605 करोड़ का ऋण भुगतान किया गया।

        श्री राणा ने बताया कि पेराई सत्र 2017-18 में खरीदे गये कुल गन्ने की मात्रा के आधार पर रू.4.50 प्रति कुं. की दर से लगभग रू.430
करोड़ रूपये की धनराशि चीनी मिलों को वित्तीय सहायता के रूप में प्रदान की गयी। सहकारी चीनी मिलों के गन्ना किसानों के बकाये भुगतान के लिए रू.887 करोड़ तथा चीनी निगम के मिल के लिए रू.23 करोड़ के ऋण का प्राविधान कर इनका बकाया गन्ना मूल्य शत-प्रतिशत भुगतान कराया गया।

        गन्ना मंत्री ने यह भी बताया कि निजी, निगम और सहकारी क्षेत्र की कुल 119 चीनी मिलों मे से 92 चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2017-18 का शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है। उन्होने बताया कि पर्ची निर्गमन की वर्तमान व्यवस्था से उन दलालों एवं माफियाओं पर अंकुश लगा है जो पूर्व में मिल से येन-केन प्रकारेण इच्छानुसार पर्चियां प्राप्त कर रहे थे। यहां यह उल्लेखनीय है कि, वर्तमान वर्ष में प्रदेश में इस वर्ष रिकार्ड 5,05,575 नये सदस्य बने हैं तथा 1,19,846 फर्जी आपूर्तिकर्ताओं के सट्टे बन्द किये गये हैं।

        श्री राणा ने बताया कि पेराई सत्र 2018-19 में गन्ना क्रय केन्द्रों की जाॅच के दौरान पायी गयी अनियमितताओं के विरूद्ध मुख्यालय स्तर पर गठित जाॅच दल एवं अन्र्तजनपदीय जाॅच दल द्वारा तथा क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा 23 जनवरी तक कुल 8,791 निरीक्षण किये गये हंै। निरीक्षण के दौरान 57 गम्भीर तथा 549 सामान्य कुल 606 अनियमिततायें पायी गयी हैं, जिसमें से 35 गम्भीर तथा 440 सामान्य मामलों में नोटिस जारी की जा चुकी है, तथा 64मिल तौल लिपिकों के लाइसेंस निलम्बित तथा 01 लाइसेंस का निरस्तीकरण किया जा चुका है, साथ ही सक्षम न्यायालय में 02 वाद भी दायर किया जा चुका है।

प्रेस कान्फ्रेंस में उपस्थित प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए गन्ना मंत्री श्री सुरेश राणा ने बताया कि पेराई सत्र में पायी गयी अनियमितताओं में से 01 गम्भीरं तथा 58 सामान्य मामलों को जिलाधिकारियों के द्वारा निस्तारित किया जा चुके है। जिलाधिकारियों के स्तर पर अभी 16 गम्भीर तथा 100 सामान्य मामलें विचाराधीन है।

        श्री राणा ने बताया कि क्रय केन्द्रों पर घटतौली के प्रकरण पाये जाने पर 03, अवैध गन्ना खरीद पाये जाने पर 11 तथा  अन्य मामलों में 02 कुल 16ं एफ.आई.आर दर्ज करायी गयी है। अवैध गन्ना खरीद फरोख्त के विरूद्ध छापेमारी के दौरान 2,305.73 कुन्तल गन्ना मूल्य रूपये 7,18,934.20 का अवैध गन्ना पकड़ा गया है।इस अवसर पर गन्ना आयुक्त श्री संजय आर0 भूसरेड्डी  तथा गन्ना विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More