लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि सरकार की योजनाओं को समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की एक मजबूत कड़ी की आवश्यकता होती है। इस दृष्टि से उत्तर प्रदेश मंे देश का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारियों का नेटवर्क है। इसलिए यह राज्य प्रशासनिक क्षमता की अपार सम्भावनाओं वाला प्रदेश है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी बेहतरीन क्षमता व कार्यकुशलता के माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा को देश में स्थापित किया है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां विधान सभा स्थित तिलक हाॅल में आयोजित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संवाद लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। संवाद स्थापित न होने से भ्रम की स्थिति के चलते काफी समस्याएं होती हैं। यह सच है कि नियमित संवाद से अधिकारियों को अपने जनपद व विभाग की जमीनी हकीकत से रूबरू होने का अवसर भी मिलता है। उन्होंने कहा कि जनपदों की समस्याओं का समाधान जनपद में ही हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी ईमानदारी से करें।
मुख्यमंत्री जी नेे कहा कि अधिकािरयों को तय करना होगा कि किसके साथ संवेदना बरती जाए व किसके साथ कड़ाई। क्योंकि किसी गरीब के जीवन में खुशहाली लाने के लिए आपकी बड़ी भूमिका हो सकती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने उत्तर प्रदेश के परिदृश्य को बदलने का काम किया है, जिसका परिणाम यह रहा है कि राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश आ रहा है। वाराणसी में सम्पन्न 15वां प्रवासी भारतीय दिवस प्रशासनिक अधिकारियों की कुशलता का प्रतीक बना। मण्डलायुक्त प्रयागराज की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि प्रयागराज कुम्भ-2019 को दिव्य और भव्य बनाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कार्ययोजना बनाकर उसे क्रियान्वित करें तभी सकारात्मक परिणाम आते हैं। शासन द्वारा संचालित योजनाओं का नियमित अनुुश्रवण करें जिससे पात्र व्यक्ति को योजनाओं का लाभ दिलाया जाना सुनिश्चित हो सके। जिलाधिकारी अपने जनपदों से सम्बन्धित समस्याओं का प्रभावी समाधान सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शासन की नीतियों की जानकारी जनता तक पहुंचाना तथा इसका लाभ सुनिश्चित कराना वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारी है। इसका क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से किया जाए। उन्होंने अपेक्षा की कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी कनिष्ठ अधिकारियों को अपने अनुभवों से लाभान्वित करेंगे और उनका मार्गदर्शन भी करेंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा की गरिमा को बनाये रखने का दायित्व इस सेवा के अधिकारियों का ही है। शासन और जनता उनसे बहुत उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों पर प्रदेश को विकास के पथ पर आगे ले जाने की जिम्मेदारी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वे अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन भली-भांति करेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विभिन्न विभागों के समन्वय से ही जापानी इन्सेफेलाइटिस तथा एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिन्ड्रोम पर प्रभावी नियन्त्रण पाया जा सका है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को जागरुक करने के उद्देश्य से जागरुकता अभियान समय-समय पर चलाया जाए जिससे उन्हें सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी प्राप्त हो सके। आयुष्मान भारत योजना से प्रदेश के 06 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। इसके लिए सभी अधिकारी टीम वर्क की भावना से कार्य करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, सौभाग्य योजना, उज्ज्वला योजना सहित अन्य योजनाओं में अधिकरियों ने अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अपने नेतृत्व से समाज में बहुत परिवर्तन ला सकते हैं। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से ‘उत्तर प्रदेश’ की छवि और बेहतर बनाने के लिए सक्रिय प्रयास करने की भी अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि जब वरिष्ठ अधिकारी ऐसा करेंगे तो उनके अधीनस्थ कर्मचारी भी इसमें अपना योगदान देंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि आई0ए0एस0 वीक के दौरान जनता को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के तरीकों पर मंथन किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन के मामले में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की सेवाएं सर्वाेच्च हैं। ऐसे में उन्हें अपनी कार्य प्रणाली का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए योजनाओं को धरातल पर लागू करें।
कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी फिरोजाबाद एवं जिलाधिकारी इटावा द्वारा गोवंश के संरक्षण एवं गो-आश्रय स्थल, जिलाधिकारी गाजियाबाद द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सालिड वेस्ट मैनेजमेन्ट सिस्टम तथा जिलाधिकारी सहारनपुर द्वारा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत योजना) पर प्रस्तुतिकरण भी दिए गये।