नई दिल्ली: पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह कल ई-कार्यालय के कार्यान्वयन के लिए 9 मंत्रालयों/विभागों को प्रशंसा प्रमाणपत्र प्रदान करेंगे। वर्ष 2018 में 34 मंत्रालयों/विभागों को प्रशंसा प्रमाणपत्र प्रदान किया गया था।
ई-कार्यालय, राष्ट्रीय ई-शासन योजना के तहत एक मिशन मोड परियोजना है और उसे प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग कार्यान्वित कर रहा है।
ई-कार्यालय एक डिजिटल कार्य प्रणाली है, जिसमें फाइलों और दस्तावेजों के स्थान पर कारगर इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली काम करती है। यह एक वेब आधारित सुविधा है और वीपीएन के जरिए कहीं से भी लोगों के लिए सुगम्य है।
ई-कार्यालय प्रणाली में निम्नलिखित पैकेज उपलब्ध हैं-
- फाइल मैनेजमेंट सिस्टम (एफएमएस)
- नॉलेज मैनेजमेंट सिस्टम (केएमएस)
- ई-फाइल एमआईएस रिपोर्ट
- पर्सनल इंफोर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (पीआईएमएस)
- इम्प्लाय मास्टर डिटेल्स (ईएमडी)
- लीव मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमएस)
- लीव एमआईएस रिपोर्ट
- टूर मैनेजमेंट सिस्टम (टीएमएस)
- मास्टर डाटा मैनेजमेंट
उल्लेखनीय है कि 75 मंत्रालय/विभाग ई-कार्यालय का सक्रिय इस्तेमाल कर रहे हैं।
ई-कार्यालय के प्रमुख परिणाम इस प्रकार हैं-
- पारदर्शिता और जवाबदेही – ई-कार्यालय से पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है। अब फाइलों को न तो बदला जा सकता है और न उन्हें लंबित रखा जा सकता है, क्योंकि प्रणाली को इस तरह बनाया गया है कि उसमें फीडबैक का प्रावधान है और कामकाज की निगरानी होती है।
- फाइलों का त्वरित निपटारा और लंबित फाइलों की निगरानी – ई-कार्यालय में इस संबंध में बहुत सुविधा मौजूद है।
- फाइलों का तुरंत आदान-प्रदान – फाइलों को सेकेंडों में खराब किया जा सकता है।
- ज्ञान भंडार- ज्ञान ही संपदा है और अब केएमएस के इस्तेमाल से ज्ञान को एक ही स्थान पर संरक्षित किया जा सकता है और कर्मचारियों के लिए सुगम है।