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हनीवेल सेफ स्कूल ने देहरादून में ’सेफ्टी फर्स्ट’ पर इंटर-स्कूल क्विज आयोजित किया

उत्तराखंड

देहरादून: सीड्स (सस्टेनेबल एनवायरनमेंट एंड इकोलॉजिकल डेवलपमेंट सोसाइटी) ने हनीवेल इंडिया के सहयोग से स्कूलों के लिए इंटर-स्कूल क्विज़ का आयोजन किया। क्विज़उत्तराखंड राज्य पर केंद्रित था, जिसमें सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया था।

जसवंत मॉडल स्कूल से नवनीत, विनायक और अनुराग पहली बार आयोजित हनीवेल सेफ स्कूल क्विज की विजेता घोशित किए गए।

हनीवेल सेफ स्कूल के इस कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तराखंड में आपदा को रोकने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करना है। हनीवेल सेफ स्कूल्स क्विज का आयोजन देहरादून और हरिद्वार जिलों की आपदाके प्रति अति संवेदनषीलता को ध्यान में रखते हुए किया गया था। उत्तराखंड के सबसे अधिक आबादी वाले जिलों में षामिल इन दोनों जिलों में पहले से ही भूकंप, बाढ़ और महामारी जैसे प्राकृतिक खतरोंका खतरा रहा है। इन जिलों की इन आपदाओं के प्रति अतिसंवेदनषीलता तेजी से औद्योगिकीकरण और अनियोजित विस्तार के कारण और भी बढ़ गई है।

इस क्विज में निम्नलिखित क्षेत्रों को षामिल किया गया :

– उत्तराखंड : राज्य, इसके निवासी और संस्कृति, भाषा और इतिहास, उल्लेखनीय व्यक्तित्व, प्राकृतिक विरासत और पर्यावरण

– सुरक्षा : क्षेत्र में आपदा, रोकथाम, शमन, राहत, प्रचार और जागरूकता अभियान, व्यक्तित्व

– सामान्य जागरूकता : दुनिया के बारे में जानकारी जो प्रतिभागियों के आयु वर्ग के लिए प्रासंगिक थी

प्रतिभागियों को दो चरणों को पूरा करना था। पहले चरण में तीन सदस्यीय टीम के साथ सभी 34 स्कूलों की 68 टीमें एक लिखित प्रारंभिक चरण में षामिल हुई और उसके बाद अंतिम दौर में शीर्ष छहटीमों ने भाग लिया। इसमें विजेता को निर्धारित करने के लिए एक विजुअल, प्रत्यक्ष मौखिक, ऑडियो- विजुअल, विषय विशेष और बजर राउंड शामिल थे।

इस कार्यक्रम में मौजूद शिक्षकों ने कहा, ‘‘स्कूल के भीतर और बाहर छात्रों की दिन-प्रतिदिन की सुरक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करना आवश्यक है। इस क्विज में भाग लेने वाले सभी बच्चे उत्तराखंडऔर सुरक्षा संबंधी खतरों पर पठन सामग्री का अध्ययन कर क्विज के लिए पूरी तरह से तैयार थे। इस तरह के अभ्यास से बच्चों को बेहतर तरीके से तैयार होकर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। क्विजप्रतियोगिता के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले माध्यमों में ऑडियो विजुअल और विषय केंद्रित टॉपिक शामिल थे, जिससे बच्चे अपनी सुरक्षा के बारे में बेहतर जानकारी हासिल कर सकते थे।’’

इस कार्यक्रम के तहत हमारा का मानना है कि एक स्कूल एक इमारत से कहीं अधिक है। यह बच्चों को सीखने, खेलने, प्रेरित होने और सुरक्षित रहने के लिए एक जगह है। व्यक्तिगत स्तर पर और साथही सामुदायिक स्तर पर ’सुरक्षा’ सभी के लिए चिंता का विषय है।

हनीवेल सेफ स्कूल प्रोग्राम के बारे में :

हनीवेल सेफ स्कूल अग्रणी स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम है जो बच्चों को समुदायों में जागरूकता पैदा करने वाले परिवर्तन के दूत बनाने के लिए उन्हें सषक्त बनाने तथा खतरों को कम करने की दिषा में बच्चोंको आगे रखने के दृश्टिकोण को आगे बढ़ाता है। हनीवेल इंडिया की ओर से वित्त पोशित इस कार्यक्रम का कार्यान्वयन सीड्स इंडिया की ओर से किया जाता है। अभी इस कार्यक्रम के तहत इंजीनियरोंएवं वास्तुविदों द्वारा दिल्ली सरकार के 50 स्कूलों का संरचनात्मक मूल्यांकन, बच्चों, शिक्षकों और माता-पिता के बीच जोखिम की अवधारणा का मूल्यांकन और किसी भी प्राकृतिक या मानव निर्मितआपदा की स्थिति में तैयारी का मूल्यांकन किया जा रहा है।

सीड्स के बारे में :

सीड्स (सस्टेनेबल एनवायरनमेंट एंड इकोलॉजिकल डेवलपमेंट सोसाइटी) गैर-लाभकारी संगठन है जो आपदा तैयारी, प्रतिक्रिया और पुनर्वास के क्षेत्रों में व्यावहारिक समाधानों के माध्यम से समुदायोंको आपदाओं का सामना करने में सक्षम बनाता है।

1994 से, संगठन ने भारतीय उपमहाद्वीप में हर प्रमुख आपदा पर बड़े पैमाने पर काम किया है – परंपरागत ज्ञान पर अभिनव प्रौद्योगिकी तैयार करना। इसने आपदाओं और जलवायु से प्रभावितपरिवारों की मदद की है; स्कूलों और घरों को मजबूत और पुनर्निर्मित किया है; और लंबे समय तक रिजिलेंस को बढ़ावा देने के लिए कौशल निर्माण, योजना और संचार में अपना विश्वास पैदा दिया है।सीड्स ग्लोबल कोर ह्युमेनिटेरियन स्टैंडर्ड द्वारा प्रमाणित भारत की पहली एजेंसी है। यह मानवतावादी प्रतिक्रिया में गुणवत्ता और उत्तरदायित्व के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणीकरण प्रणाली है।

चूंकि सीड्स मानवता के लिए 25 साल की उत्कृष्ट सेवा को पूरा करने वाला है, इसलिए यह नवाचार के माध्यम से रिजिलेंस के निर्माण के अपने दृष्टिकोण को फिर से स्थापित कर रहा है। इसने बेहतरभविष्य बनाने के लिए पूरे एशिया में सबसे कमजोर वर्ग को सशक्त बनाना जारी रखा है।

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