नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग तथा नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि रूस भारत का एक पुराना और विश्वसनीय साझेदार रहा है। रूस के साथ भारत के रिश्ते आपसी विश्वास, समझ और पारस्परिक सौहार्द पर आधारित हैं। आज बेंग्लुरु में भारत और रूस के छोटे और मझौले उद्योगों के संवाद-मंच को संबोधित करते हुए श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी को ‘विशिष्ट रणनीतिक साझेदारी’कहा जाता है। दोनों देश राजनीतिक, सुरक्षा, व्यापार, अर्थव्यवस्था, रक्षा, शिक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति और लोगों के बीच आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में बहुआयामी सहयोग करते हैं। श्री प्रभु ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाईयां मिली हैं।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि आज भारत विश्व में सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हो गया है और पिछले कुछ वर्षों के दौरान सुधार प्रक्रिया ने मजबूत आधारशिला रख दी है। वर्ष 2030 तक आशा की जाती है कि भारत विश्व में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन जाएगा।
श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि दोनों देशों की सरकारें व्यापार और निवेश की बाधाओं को दूर करने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने रूसी कंपनियों के लिए एकल खिड़की प्रणाली बनाने की घोषणा की है। यह प्रक्रिया वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के सचिव के नेतृत्व में चलेगी।
इस अवसर पर रूसी संघ के उद्योग एवं व्यापार मंत्री श्री डेनिस मानतुरोव और भारत के साथ सहयोग संबंधी व्यापार परिषद के अध्यक्ष श्री सर्गेई चेरेमिन भी उपस्थित थे।