लखनऊः प्रदेश के गन्ना किसानों का गन्ना मूल्य समय से कराना वर्तमान सरकार के एजेण्डे में सर्वोपरि है। इसके मद्देनजर गन्ना मूल्य भुगतान की नियमित समीक्षा की जा रही है, जिससे गन्ना मूल्य का भुगतान समय से किया जा सके।
सरकार की प्राथमिकता के क्रममें शत प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान कराने के दृृष्टिगत श्री संजय आर. भूसरेड्डी, आयुक्त, गन्ना एवं चीनी द्वारा 21 फरवरी को चीनी मिलों की बैठक कर गन्ना मूल्य भुगतान की समीक्षा की गयी।
बैठक में गन्ना मूल्य भुगतान की समीक्षा करते हुए चीनी मिलों को निर्देशित किया गया कि जिन चीनी मिलों द्वारा पूर्व पेराई सत्र 2017-18
का शत प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान कर दिया गया है, वो पेराई सत्र 2018-19 हेतु बैकों से पर्याप्त कैश क्रेडिट लिमिट स्वीकृत कराते हुए पेराई सत्र 2018-19 का शत प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान ससमय सुनिश्चित करे। चीनी मिलों को निर्देशित किया गया कि स्वीकृत कैश क्रेडिट लिमिट के अन्दर उनकी जो भी आहरण क्षमता बनती है उसके अनुसार धनराशि बैंकों से तत्काल आहरित करके गन्ना मूल्य भुगतान हेतु एस्क्रो एकाउंट में स्थानांतरित कराना सुनिश्चित करें, जिन चीनी मिलों की कैश क्रेडिट लिमिट स्वीकृत नहीं है वे चीनी मिलें निर्धारित कोटे के अनुसार चीनी बिक्री करके उस बिक्री से प्राप्त धनराशि तथा बगास, शीरा एवं प्रेसमड से प्राप्त धनराशि का 85 प्रतिशत धन तत्काल एस्क्रो एकाउंट में गन्ना मूल्य भुगतान हेतु स्थानांतरित कराना सुनिश्चित करें साथ ही विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि एस्क्रो एकाउंट में धन प्राप्त होते ही उसे आर.टी.जी.एस./एन.ई.एफ.टी. के माध्यम से तुरन्त कृषकों के खाते में स्थानांतरित कराना सुनिश्चित किया जाय।
आयुक्त, गन्ना एवं चीनी द्वारा गन्ना मूल्य भुगतान के सम्बन्ध में कड़ा रूख अपनाते हुए चीनी मिलों को सख्त चेतावनी दी गयी कि, दिये गये निर्देशों के अनुपालन में 28 फरवरी तक शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान न करने वाली चीनी मिलों के विरूद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।