काबुल: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घनी ने चाबहार बंदरगाहसे भारत आने वाली अफगानी सामानों की पहली खेप को हरी झंडी खाई दी है। रविवार को एक कार्यक्रम के तहत इस सामान को भारत भेजा गया है। कार्यक्रम में भारत के अलावा ईरान और टर्की के राजनयिक शामिल थे। इसके अलावा इंडोनेशिया और कजाख्स्तान के अधिकारी भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। राष्ट्रपति घनी ने इस मौके पर कहा कि ईरान के रास्ते भारत पहुंचे वाला यह नया ट्रेड रूट उनके देश के निर्यात को दोगुना करके दो बिलियन डॉलर तक ले जाने में मदद करेगा।
570 टन का कार्गो भारत के लिए रवाना
पहली खेप अफगानिस्तान के निमरोज प्रांत में स्थित जांराज शहर से चाबहार पहुंचेगी। 570 टन के कार्गो में अफगानी कालीन, मेवे, कपास और टैल्कम पाउडर है, अधिकारियों की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति घनी ने कहा कि अफगानिस्तान खत्म हो चुका देश नहीं है और यह आज भी एशिया का दिल है। देश अब एक आयातक से निर्यातक की भूमिका में आ रहा है। चाबहार रूट के खुलने से देश का निर्यात अगले एक वर्ष के अंदर एक बिलियन डॉलर से बढ़कर दोगुना यानी दो बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। इस मौके पर भारत के राजदूत विजय कुमार भी मौजूद थे। उन्होंने यहां पर कहा, ‘काबुल और नई दिल्ली के बीच एयर कॉरिडोर के खुलने से भारत को होने वाला अफगानिस्तान का निर्यात 40 प्रतिशत तक पहुंच गया है। ‘
ईरान में है कल चाबहार डे
इसके बाद जारांज में हुई एक मीटिंग में घनी ने कहा कि नेशनल डायरेक्टोरेट ऑफ सिक्योरिटी की ओर से निमरोज से चाबहार तक के रास्ते पर सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी ताकि सामानों को सुरक्षित तरीके से ले जाया जा सके। 26 फरवरी को चाबहार बंदरगाह पर ‘चाबहार डे’ मनाया जाएगा। यह एक बिजनेस इवेंट होगा और इसे काफी अहम माना जा रहा है। भारत की तरफ से शिपिंग सेक्रेटरी इस कार्यक्रम में आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ होंगे। साथ ही सीआईआई की ओर से भी 30 कंपनियो के एक प्रतिनिधिदल को कार्यक्रम के लिए भेजा जाएगा।
मई 2016 में हुई थी चाबहार डील
इस घटनाक्रम के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि यह कार्यक्रम भारत, अफगानिस्तान, ईरान और सेंट्रल एशिया के देशों को चाबहार की संभावनाओं को आगे तक ले जाने में मदद करेगा। साथ ही क्षेत्रीय संपर्क और व्यापर को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। मई 2016 में भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच एक एग्रीमेंट साइन हुआ था। इसमें चाबहार को ट्रांजिट और ट्रांसपोट कॉरिडोर के तौर पर प्रयोग करके इसे क्षेत्रीय केंद्र के तौर आगे बढ़ाने के बारे में बात कही गई थी।
अब तक भारत ने भेजा 110,000 टन गेहूं और दाल
भारत की ओर से अब तक 110,000 टन गेहूं, दालें और दूसरा जरूरी सामान अफगानिस्तान भेजा जा चुका। चाबहार बंदरगाह के तैयार होने से भारत, पाकिस्तान के रास्ते का प्रयोग किए बिना अफगानिस्तान को जरूरी सामान का निर्यात कर सकता है। पिछले वर्ष दिसंबर में भारत की कंपनी इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड ने चाबहार के शहीद बेहेश्ती टर्मिनल को अपने हाथ में लिया है। रविवार को जो नया रूट शुरू हुआ है उससे एयर कॉरिडो को मदद मिलेगी। जून 2017 में भारत और अफगानिस्तान के बीच एयर कॉरिडोर की शुरुआत हुई थी। इस कॉरिडोर के जरिए अफगानिस्तान के काबुल, कांधार और हेरात आपस में जुड़े तो वहीं भारत में दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद को अफगानिस्तान के इन शहरों से जोड़ा गया। source oneindia