लखनऊ: दिनांक 19 फरवरी, 2015, उत्तर प्रदेश सरकार ने विभिन्न विभागों द्वारा जनहित में संचालित की जा रही सामाजिक सुरक्षा समूह बीमा योजनाओं की जानकारी जन सामान्य को देने के साथ-साथ इन योजनाओं का सीधा लाभ गरीबों को दिलाने के निर्देश विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों को दिए हैं।
यह जानकारी संस्थागत वित्त एवं बीमा निदेशालय के महानिदेशक श्री शिव सिंह यादव ने दी। उन्होंने बताया कि सामाजिक सुरक्षा समूह बीमा योजनाओं से जनमानस में नई रोशनी का उदय हुआ है।
श्री यादव ने बताया कि जनपद/मण्डल/शासन स्तर पर संबंधित विभाग से जानकारी करके सामाजिक सुरक्षा समूह की बीमा योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। ब्लाॅक, तहसील, जिला मुख्यालय तथा विकास भवन स्थित विभागीय कार्यालयों के अधिकारियों को भी सामाजिक सुरक्षा समूह बीमा योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने और उनका लाभ आम जनता को दिलाने के निर्देश दिए गए हैं।
श्री यादव ने बताया कि राजस्व विभाग द्वारा खातेदार/सहखातेदार कृषकों के लिए जनता व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना, कृषि विभाग/नाबार्ड द्वारा किसान क्रेडिट कार्डधारकों की व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना, ग्राम्य विकास विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गरीबों को हेल्थ स्मार्ट कार्ड बनाने की व्यवस्था है। होमगार्डस विभाग द्वारा होमगार्ड्स सामूहिक व्यक्तिगत बीमा योजना, वन विभाग द्वारा सामूहिक वानिकी दुर्घटना बीमा योजना, मत्स्य विभाग द्वारा मछुआ दुर्घटना बीमा योजना, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्री सामूहिक बीमा योजना, राजस्व विभाग द्वारा आम आदमी बीमा योजना, हथकरघा विभाग द्वारा महात्मा गाँधी बुनकर बीमा योजना, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा खादी कारीगर जनश्री बीमा योजना, हस्त शिल्प विकास द्वारा हस्तशिल्पकारों के लिए बीमा योजना, हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग विभाग द्वारा पावरलूम मजदूर के लिए बीमा योजना, वित्त पोषणकर्ता बैंक द्वारा महिला एवं स्वयं सहायता समूहों की जनश्री बीमा योजना, पंचायत/एन0जी0ओ0 स्वयं सहायता समूहों की जनश्री बीमा योजना, हथकरघा विभाग द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस योजना तथा वाणिज्यकर विभाग द्वारा पंजीकृत व्यापारियों की जोखिम जीवन व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना संचालित की जा रही है।
सर्वहित बीमा निदेशालय उ0प्र0 के महानिदेशक श्री शिवसिंह यादव ने सामाजिक सुरक्षा समूह की बीमा योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने, नियमित समीक्षा करने तथा विभागीय अधिकारियों को बेहतर समन्वय मंडल एवं जिला स्तरीय समीक्षा बैठकों में भी करने का सुझाव दिया है।
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