नई दिल्ली: चीन के उपराष्ट्रपति श्री ली युवानचाओ ने कल (06 नवंबर, 2015) राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की।
यह जिक्र करते हुए कि श्री युवानचाओ भारत का दौरा करने वाले चीन के पहले उपराष्ट्रपति हैं, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत चीन के साथ अपने संबंधों को काफी महत्व देता है।
भारत चीन संबंधों में पिछले वर्षों के दौरान चहुंमुखी प्रगति देखने में आई है। दोनों देशों ने उच्च स्तरीय राजनीतिक आदान-प्रदानों को विस्तारित किया है। दो उभरती अर्थव्यवस्थाओं के रूप में दोनों देशों के बीच के संबंधों के क्षेत्रीय एवं वैश्विक महत्व हैं। भारत चीन व्यापार अब 70.59 बिलियन डॉलर पहुंच चुका है। भारत ‘मेक इन इंडिया’ में भागीदारी के लिए चीन की कंपनियों का स्वागत करता है।
चीन के उपराष्ट्रपति ने भारत के राष्ट्रपति की भावनाओं को दोहराया और कहा कि दोनों देशों के बीच घनिष्ठ रिश्ते न केवल दोनों देशों के लिए लाभदायक हैं, बल्कि यह एशियाई शताब्दी में ले जाने में भी सहायक होंगे। उन्होंने भारत के तेज विकास की सराहना की और कहा कि चीन सभी क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।