नई दिल्ली: भारत-ओमान संयुक्त सैन्य अभ्यास अल नागाह III 2019 आज सवेरे शानदार समारोह के साथ जबल रेजिमेंट, निजवा, ओमान में प्रारंभ हुआ। भारतीय सेना और ओमान की रॉयल सेना (आरएओ) के संयुक्त अभ्यास समारोह में दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वज फहराए गए और दोनों देशों के सैनिक ओमान तथा भारत के बढ़ते सैन्य सहयोग, सहकार्य और दोनों देशों के बीच समझदारी का संकेत देते हुए एक-दूसरे के साथ खड़े दिखे।
ओमान के दस्ते का नेतृत्व वहां की रॉयल सेना के जबल रेजिमेंट ने किया, जबकि भारतीय सेना का नेतृत्व गढ़वाल राइफल रेजिमेंट की दसवीं बटालियन की टुकड़ी द्वारा किया गया। जबल रेजिमेंट के सेकेंड-इन-कमान लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद अल सइदी द्वारा भारतीय सैनिकों का स्वागत किया गया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि दोनों देश स्वतंत्रता, समानता और न्याय में साझा विश्वास करते हैं। शानदार समारोह में दोनों देशों के सैन्य संगठन की जानकारी और कंट्री प्रेजेंटेशन किया गया।
भारतीय सेना और आरएओ दस्तों का चयन विशेषज्ञता और पेशेवर दक्षता के आधार पर अभ्यास के लिए किया गया है। दो सप्ताह के लम्बे अभ्यास में दोनों देश के सैनिक संयुक्त राष्ट्र घोषणा के अंतर्गत पर्वतीय इलाकों में संयुक्त रूप से आतंकवाद विरोधी कार्रवाईयों में अपनी निपुणता और तकनीकी कौशल दिखाएंगे। संयुक्त अभ्यास में सैनिकों को एक-दूसरे स्थान पर लाने ले जाने के काम पर जोर दिया जाएगा, क्योंकि यह संयुक्त अभ्यास की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। संभावित खतरों को समाप्त करने के लिए दोनों देश के सैनिक अति-विकसित निपुणता ड्रील के लिए संयुक्त प्रशिक्षण और नियोजन का कार्य करेंगे। दोनों देशों के विशेषज्ञों द्वारा पारस्परिक लाभ के विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी। अल नागाह-2019 दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी समझदारी और सम्मान बढ़ाएगा और आतंकवाद की विश्वव्यापी समस्या से निपटने में सहायक होगा।