ग्वालियर: किसी युवती की बारात लौट जाना कभी भारतीय समाज में दुख और चिंता की बात होती थी लेकिन अब ऐसी घटनाएं नारी सशक्तीकरण की राह खोल रही हैं। इंजीनियरिंग व एमबीए के बाद जॉब कर रही शहर की शिवांगी ने साहस के साथ सात फेरों के बाद बाद दहेज लोभियों की बारात लौटा दी थी।
अब वही साहसी शिवांगी कुछ साल तक तक शादी का ख्याल छोड़ करियर बनाने में लगी हैं। उनके साहस को सलाम करते हुए सैकड़ों युवकों ने उनसे शादी का प्रस्ताव रखा है। इन युवकों ने समाज के वाट्सएप ग्रुप पर भेजे प्रस्ताव में यहां तक लिखा है कि शिवांगी को जीवन साथी बनाकर वे गर्व महसूस करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसारशिवांगी ने इस अप्रिय घटना के बाद शादी का विचार फिलहाल स्थगित कर दिया है। वे रेलवे भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। शिवांगी का कहना है कि वे दो साल तक अपना सारा ध्यान करियर बनाने में लगाना चाहती हैं।
दतिया के सराफा कारोबारी द्वारिका प्रसाद अग्रवाल की बेटी शिवांगी का रिश्ता ग्वालियर के फालका बाजार निवासी सैनेटरी कारोबारी सुरेशचंद्र अग्रवाल के बेटे प्रतीक से हुआ था। शिवांगी निजी कंपनी में जॉब कर रही थीं। 15 फरवरी को प्रतीक बारात लेकर पहुंचा।
शादी की रस्में शुरू होने के साथ ही प्रतीक व उसके परिजनों के नखरे शुरू हो गए। हद तो तब हो गई जब दूल्हे के पिता ने विदाई से पहले दहेज के गहने दिखाने व दो लाख रुपए की मांग कर दी। पिता की आंखों में आंसू देखकर शिवांगी ने साहसी निर्णय लिया और बारात लौटाने के साथ डोली में बैठने से इनकार कर दिया। Source UPUK Live