भूमध्य सागर में प्रवासियों को ले जा रही एक नाव के पलट जाने से कम से कम 65 लोगों की मौत हो गई है. संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के मुताबिक़ यह नाव ट्यूनीशिया के नज़दीक समुद्र में पलट गई. यूएनएचसीआर की ओर से एक बयान जारी कर बताया गया है कि इस दुर्घटना में अभी तक 16 लोगों को बचाया जा सका है.
जीवित बचे लोगों ने बताया है कि यह नाव गुरुवार को लीबिया से चली थी, समुद्र में उठती तेज़ लहरों की वजह से यह पलट गई. यूएनएचसीआर के आंकड़ें बताते हैं कि इस साल अभी तक लीबिया से यूरोप के रास्ते में क़रीब 164 लोग इसी तरह मारे जा चुके हैं. हालांकि, यह ताज़ा दुर्घटना अभी तक इस साल हुई तमाम दुर्घटनाओं में सबसे बड़ी है. दुर्घटना में बचे लोगों को ट्यूनीशिया की नौसेना अपने देश के तट पर ले आई है. एक व्यक्ति को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती भी किया गया है.
ट्यूनीशिया के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि जैसे ही उन्हें इस दुर्घटना की जानकारी मिली उन्होंने तुरंत एक मछली पकड़ने वाली नाव को वहां भेजा ताकि फंसे हुए लोगों को बचाया जा सके. इस नाव में सवार अधिकतर लोग अफ़्रीका से ताल्लुक रखते हैं.
हर साल हज़ारों की संख्या में प्रवासी भूमध्य सागर पार कर यूरोप की तरफ़ जाने की कोशिश करते हैं. इन लोगों के लिए लीबिया एक प्रमुख प्रस्थान केंद्र होता है.
जिस तरह की नाव में ये प्रवासी सफ़र करते हैं उनकी क्षमता बहुत अधिक नहीं होती, जिस वजह से ये नाव समुद्र की तेज़ लहरों में अत्याधिक भार वहन नहीं कर पाती और पलट जाती हैं. हालांकि साल 2017 के मध्य से प्रवासियों की इन यात्राओं में तेज़ी से कमी आई है.
इस कमी की प्रमुख वजह दरअसल इटली की ओर से लीबियाई सेना को दिए गए निर्देश हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि लीबिया अपने तट से प्रवासियों को नहीं जाने देगा. इटली की इस नीति की दुनियाभर के मानवाधिकार संगठनों ने आलोचना की है.
इस साल के शुरुआती तीन महीनों में कुल 15,900 प्रवासी भूमध्य सागर के तीन अलग-अलग रास्तों के ज़रिए यूरोप पहुंचे. यह आंकड़ा पिछले साल इसी अंतराल के मुक़ाबले 17 प्रतिशत कम है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में भूमध्य सागर पार करते हुए प्रतिदिन छह प्रवासियों की मौत होती थी. Source Indianamo