रूद्रपुर/देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि तराई के संस्थापक एवं स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी स्व0पं0राम सुमेर शुक्ल का व्यक्तित्व राजनीति से ऊपर था। शुक्ल जी सबको साथ लेकर चलते थे। उन्होंने सभी को सहारा दिया तथा वें सभी को प्रखर बनाने का काम करते थे। उन्होंने तराई के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किये, हम सभी को उनके जीवन कृत्यों का अनुसरण करना चाहिये। मुख्यमंत्री ने तराई की किसी संस्था का नाम पं0राम सुमेर शुक्ल के नाम पर रखे जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने रूद्रपुर स्थित रामलीला मैदान में पं0राम सुमेर शुक्ल की जन्म शताब्दी समारोह का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित कर किया। इससे पूर्व उन्हांेने पं0 शुक्ल जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने नगर निगम, नगर प्रशासन एवं पण्डित शुक्ल जी के अनुयायियों को शुक्ल जी की भव्य प्रतिमा की स्थापन करने पर बधाई दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कूमायूं विश्वविद्यालय के कुलपति एचएस धामी व पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति मंगला राय, शिल्पी अरोडा, सोनी अदलखा, पदमेंदु बिष्ट, आदेश तनेजा, विकास चैधरी, विपिन जलहोत्रा, भमरौला के प्रधान गोश्या रहमान, गिरधारी लाल गोयल, अनिल सिह रजनीकांत वर्मा को सामाजिक क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने के लिए स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद तरूण विजय ने कहा कि भविष्य अतीत के धरोहर पर बनता है, इसलिए पंण्डित रामसुमेर जी का स्मरण आवश्यक है। तराई हिमालय का गौरव है जो पं0 शुक्लजी जैसे महान पुरूषो के योगदान से बना है।