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“सामाजिक आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना 2011 में प्राप्त विसंगतियों का निराकरण” विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: दिनांक  20 फरवरी, 2015, दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, लखनऊ एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार व राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान हैदराबाद के संयुक्त तत्वाधान में, “सामाजिक आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना 2011 मे प्राप्त विसंगतियों का निराकरण” विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे समस्त भारत निर्माण सेवकों को अपर निदेशक संस्थान डाॅ0 वरदानी ने सम्बोधित करते हुए बताया कि ग्राम सभाओं में एस0आई0सी0सी0- 2011 के ड्राफ्ट को अधिक से अधिक जनसामान्य के अवलोकन व जागरुक करने के लिये तथा उसमें मिलने वाली कमियों/चुनौतियों/दावा के निराकरण की समुचित प्रक्रिया में सहयोग करने के लिये ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ग्राम सभाओं में पूर्व से पंजीकृत एवं प्रशिक्षित भारत निर्माण वालेन्टियर्स (बी0एन0वी0) का स्वैच्छिक सहयोग सरकार तथा समुदाय के मध्य सेतु के रुप में कार्य करने के लिये लिया जा रहा है।

यह जानकारी आज यहां डाॅ वरदानी ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘‘सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना (एस0आई0सी0सी0) 2011’’ कार्य, देश में जातिवार जनसंख्या के अनुमान लगाने के लिये और गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों का पता लगाने के लिये जून 2011 में घर-घर जाकर, विस्तृत रुप से प्रारंभ किया गया था। अब पूरे देश की राज्य सरकारें इसी एस0आई0सी0सी0- 2011 की सूची से गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों की सूची तैयार कर सकेंगी। इसके आधार पर तैयार की गयी सूची का उपयोग आने वाले वर्षों में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी एवं विकास संबंधी योजनाओं के व्यक्तिगत लाभार्थियों के चयन में कर सकेंगे। इससे सरकारी योजनाओं का लाभ सही लाभार्थियों को पहुॅचे तथा अपात्र व्यक्ति इनका लाभ न ले सकें। यद्यपि एस.आई.सी.सी.- 2011 को तैयार करने में हैन्डहेल्ड इलेक्ट्रानिक डिवाइस का उपयोग तथा योग्य प्रगणकों को सहारा साॅफ्टवेयर पूरी सावधानी के साथ तैयार किया गया है जिससे इसमें इस बार कोई त्रुटि की संभावना नहीं रह जाती है। इस प्रकार तैयार किये गये डाटावेस का ग्रामसभा से लेकर विकास खण्ड स्तर तक जन सामान्य के अवलोकनार्थ रखा गया। जनमानस के अवलोकन के उपरान्त उनके द्वारा पहचान की गयी कमियों/ चुनौतियों/ दावों के निराकरण के लिये अलग-अलग प्रपत्रों के माध्यम से समाधान का पूर्ण प्रयास किया गया।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि डा0 रजनीकांत एसोसिएट प्रोफेसर, एन.आई.आर.डी. हैदराबाद व राज्य जनगणना निदेशालय के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में, की गई। जनगणना निदेशालय के संयुक्त निदेशकगण प्रदीप कुमार एवं अब्दुल मृनीर अन्सारी ने प्रतिभागियों को एस.आई.सी.सी.-2011 के उददेश्यों एवं जनगणना कार्यक्रम की प्रक्रिया के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की।कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं एवं शंकाओं का समाधान प्रशिक्षण टीम द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम के आयोजन एवं व्यवस्था प्रबंधन में संस्थान के संकाय अधिकारी नवीन चन्द अवस्थी तथा डाॅ0 राज किशोर, प्रसार प्रशिक्षण अधिकारी ने अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान किया।
कार्यशाला में प्रदेश के प्रमुख चयनित जनपदों के भारत निर्माण सेवकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। उपर्युक्त कार्यशाला का संचालन संस्थान के संयुक्त निदेशक व कार्यशाला के सत्र निदेशक डाॅ0 ओ0पी0 पाण्डेय द्वारा किया गया। डाॅ0 पाण्डेय ने कार्यक्रम की पृष्ठभूमि से परिचय कराते हुए प्रतिभागियो तथा अतिथियों का स्वागत किया।

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