पिथौरागढ़/देहरादून: मंगलवार को मुनस्यारी महोत्सव के तृतीय दिवस के अवसर पर मुुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उपस्थित जनता को संबोधित करते हुए कहा कि
मेले व महोत्सव हमारी संस्कृति व संवर्द्धन के प्रतीक है। इन मेलों के आयोजन से आपसी मेल-जोल व सौहार्द बढ़ता है। उन्होंने मुनस्यारी महोत्सव को और अधिक भव्यता से मनाये जाने हेतु आवश्यक सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव को अगले वर्ष और अधिक बेहतर ढंग से मनाये जाने हेतु धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी साथ ही महोत्सव में सरकारी विभागों के और अधिक संख्या में स्टाल भी लगाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि हमें यहां के उत्पादों तथा औषधियों को अपनी अजिविका के रूप में निश्चित करना होगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि फाफर, मंडुवा, चैलाई, तिमार को धीरे-धारे हम अपनी अजिविका का आधार बनायें। उन्होंने आम जनता से अपील की कि अपनी दश्तकारी व परम्परागत कार्यों को आगे बढ़ाये। उन्होंने कहा कि तहसील मुनस्यारी में इस हेतु टैक्सटाइल पार्क खोला जा रहा है ताकि यहां के बुनकरों आदि को इसका लाभ मिल सकें व हमारे हाथों के हुनर को इस टैक्सटाइल पार्क से बाजार उपलब्ध हो सकेगा। जिसे राज्य के जसपुर पार्क से जोड़ा जायेगा तथा उसे देश के अन्य क्षेत्रों से भी जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत किये जाने हेतु राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को प्रोसेसिंग का प्रशिक्षण दिये जाने हेतु मास्टर क्राफ्ट ट्रेनर की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2017 तक कम से कम 2 हजार महिला एवं पुरूष मास्टर ट्रेनर बनायें जायेंगे। उन्होंने कहा कि नौजवानों छोटे उद्यमी के तौर पर जोड़ा जा रहा है। यहां के उत्पाद यथा गद्दू, कद्दू, माल्टा, नीबू, गलगल को अच्छा बाजार व मूल्य मिले इस हेतु राज्य सरकार कार्य कर रही है। विपणन के लिए राज्य सरकार बाजार भी उपलब्ध करायेगी। उन्होंने कहा कि परम्परागत शिल्प जो दम तोड़ रहा है उसे पुनर्जीवित करने हेतु वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली योजना के अंतर्गत परम्परागत रूप से भवनों को बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को अतिथि के रूप में इन घरों में ठहराया जा सकें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने मुनस्यारी में खोले गये प0 नैन सिंह पर्वतारोहण संस्थान जिसमें वर्तमान में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उक्त संस्थान में क्षेत्र के युवा जो सेना में भर्ती होना चाहते है, उन्हें भी भर्ती हेतु प्रशिक्षण दिये जाने की व्यवस्था की जायेगी ताकि नौजवान जिस क्षेत्र में जाना चाहे वे उस क्षेत्र में जा सकते है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य का राज्य पक्षी मोनाल के संरक्षण हेतु पार्क विकसित किया जायेगा। मुनस्यारी के प्राकृतिक सौंदर्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि पर्यटकों की और अधिक आवाजाही के लिए पर्यटन क्षेत्रों का विकास किया जायेगा। उन्होंनंे कहा कि मुनस्यारी क्षेत्र हेतु 10 करोड़ व धारचूला क्षेत्र हेतु 15 करोड़ रूपये की लागत से ट्रैकिंग रूट विकसित किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में नौजवान आगे आकर कार्य करें, राज्य सरकार उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था करेंगी। उन्होंने अभिभावकों से आह्वान किया कि घर में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा में विशेष ध्यान दें। सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सर्वाधिक धनराशि व्यय कर रही है। सरकार द्वारा सभी विद्यालयों में अध्यापकांे की तैनाती कर दी गयी है तथा दिसम्बर में सभी डिग्री काॅलेजो में शिक्षकों की तैनाती कर दी जायेगीे।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने मुनस्यारी, जौलजीबी, पिथौरागढ़, रोडवेज बस प्रारम्भ करने की घोषणा की। भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा मंगलवार को स्थानीय लो0नि0वि0 निरीक्षण भवन में जनता की समस्यायें सुनने के साथ ही विभिन्न विभागीय अधिकारियों से क्षेत्र में संचालित विकास कार्यों की जानकारी भी ली गई। इस मौके पर मुख्यमंत्री द्वारा प0 नैन सिंह सर्वेयर पर्वतारोहण संस्थान मुनस्यारी में विगत 15 दिन से आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षणर्थियों को प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र भी वितरित किये गए। उन्होंने कहा कि उक्त प्रशिक्षण संस्थान में शीघ्र ही स्थायी प्रशिक्षक व कर्मचारियांे की तैनाती के साथ ही आवश्यक उपकरण आदि उपलब्ध करायें जायेंगे। उन्होंने संस्थान की संचालिका रीना कौशल धर्मशक्तू से उस संस्थान मंे क्षेत्र के युवाओं को सेना भर्ती प्रशिक्षण दिये जाने की भी व्यवस्था करने को कहा ताकि यहां के युवाओं को संस्थान का और अधिक लाभ मिल सकें।
अधिकारियों की बैठक में सिंचाई विभाग द्वारा क्षेत्र के घटाबगड़, लुम्ती, छुरीबगड़, मदकोट व अन्य स्थानों में बन रहे निर्माणाधीन बाढ़ सुरक्षा के कार्य हेतु अतिरिक्त धनराशि की शासन से मांग किये जाने के संबंध में अवगत कराये जाने पर मुख्यमंत्री ने मौके से ही प्रमुख सचिव सिंचाई को निर्देश दिये कि क्षेत्र में बाढ़ सुरक्षा के जो भी प्रस्ताव लंबित है उनके लिए धनराशि स्वीकृत करते हुए अवमुक्त की जाए। उन्होंने औद्यौगिक गतिविधियों को बढ़ावा दिये जाने हेतु उद्योग विभाग को नीतिगत रूप से कार्य कर स्थानीय लोगों को इससे जोड़े जाने हेतु अधिकारियों को निर्देश भी दिये।
इस अवसर पर अध्यक्ष वन विकास निगम हरीश धामी, उत्तराखण्ड अनुसूचित जनजाति परिषद के उपाध्यक्ष कैलाश रावत सहित विभिन्नि विभागों के अधिकारी, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व जनता उपस्थित थे।