देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हमारा लक्ष्य अगले 3 वर्षो में 20 हजार महिला उद्यमी तथा प्रतिवर्ष 1000 ऐसे युवा तैयार करने का है जो रोजगार मांगने के बजाय रोजगार देने वाले बने। उन्होने कहा कि प्राकृतिक रेसे पर आधारित व्यवसाय के लिये महिला उद्यमियों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी दी जायेगी। जो महिला स्वंय सहायता समूह ऋण ग्रस्त हो गये है उनके रिवाइनवल के लिये भी कोई योजना बनायी जायेगी। सराय विकास योजना के अन्तर्गत भी महिला उद्यमियों को स्थान उपलब्ध कराया जायेगा।
बुधवार को बीजापुर अतिथि गृह में उद्योग विभाग द्वारा प्रकाशित ‘‘महिला उद्यमियों के लिये विशेष प्रोत्साहन योजना तथा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना‘‘ पुस्तिकाओं का विमोचन करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश में महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन के लिये विशेष योजना के संचालन से बड़ी संख्या में महिला उद्यमी तैयार होगी हमारा लक्ष्य अगले 3 सालो में 20 हजार महिला उद्यमी तैयार करने का है इससे बडी संख्या में महिलाये स्वरोजगार से जुडेगी तथा ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकेगा। इसके तहत पूंजी निवेश का 25 प्रतिशत पूंजीगत उपादान सहायता प्रदान की जायेगी जिसकी अधिकतम धनराशि 25 लाख होगी जबकि ब्याज उपादान सहायता के अन्तर्गत स्वीकृत ऋण के देय ब्याज पर भी 6 प्रतिशत की सहायता दी जायेगी इसकी भी अधिकतम धनराशि 5 लाख होगी।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत समाज के सभी वर्गो के लिये स्वंय का छोटा उद्योग व व्यवसाय स्थापित करने के लिये 3 लाख व 5 लाख की लागत के व्यवसाय के लिये मार्जिन मनी अनुदान सहायता सामान्य वर्ग के लिये शहरी क्षेत्रो में 15 तथा ग्रामीण क्षेत्रो में 25 प्रतिशत तक दी जायेगी जबकि महिलाओं, एससी, एसटी, पिछडावर्ग, अल्पसंख्यक, विकलांग, उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी पूर्व सैनिक आदि के लिये शहरी क्षेत्रो में 25 तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लिये 35 प्रतिशत निर्धारित की गई है। इस योजना के अधीन युवा अपना व्यवसाय स्थापित कर नौकरी मांगने नही बल्कि देने वाले बन सकेंगे।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारा उद्देश्य अधिक से अधिक लोगो को स्वरोजगार से जोडना है। इनके लिये तकनीकि प्रशिक्षण आदि के सहयोग की भी व्यवस्था एमएसएमई के द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी।
अपर निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल ने योजनाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने के साथ ही बताया कि इन योजनाओं का विभागीय स्तर पर व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग स्वरोजगार की इन योजनाओं का लाभ ले सके।