टिहरी: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जनपद टिहरी के पर्यटन स्थल नागटिब्बा में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ एवं पर्यटन मेले में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द ने कहा कि जो लोग भागवत सुनते हैं वे तो पुण्य कमाते ही हैं किन्तु जो लोग भागवत कथा की चर्चा मात्र करते हैं उनको भी पुण्य मिलता है। उन्होंने कहा कि भागवत कथा श्रवण से जीवन में संतुष्टि का भाव आता है और संतुष्टि में ही सबसे बडा सुख है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दुरस्थ क्षेत्रों के पर्यटन स्थलों का विकास राज्य सरकार की प्राथमिकता है ताकि प्रदेश के दुरस्थ क्षेत्रों में विद्यमान प्राकृतिक सौन्दर्य को देखने लोग आयें। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष 80 हजार लोग नागटिब्बा पंहुच रहे हैं। यह हमारे पर्यटन के लिए बहुत ही सुखद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नागटिब्बा का प्राकृतिक सौन्दर्य अदभुत है। प्राकृति ने हमे जो सौन्दर्य दिया है हमें उसका संरक्षण करना है। उन्होने कहा कि इस वर्ष उत्तराखण्ड में बड़ी संख्या में यात्री आ रहें है। भविष्य में भी यात्रियों की संख्या बढने की सम्भावना को देखते हुए हम सभी को मिलकर तैयारी करनी होगी। प्रदेश के प्राकृतिक सौन्दर्य को बचाये रखना भी हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होने प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त रखने की भी अपील की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने पंतवाडी-नागटिब्बा अवशेष मोटर मार्ग में लिए रुपये 2.30 करोड़ एवं वन विभाग के अन्तर्गत 17 कार्यों जिनमें वन विश्राम गृह, पेयजल लाईन शामिल है के लिए रुपये 2.15 करोड दिये जाने की घोषणा की। इस अवसर पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धनसिंह रावत, जिलाधिकारी सोनिका, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ योगेन्द्र सिंह रावत आदि उपस्थित थे।