नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने नई दिल्ली में बहु-विषयक समूह के विशेषज्ञों की बैठक की अध्यक्षता की। इस विशेषज्ञ समूह ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में रिपोर्ट किए गए एईएस/जेई मामलों में बच्चों की उच्च मृत्यु दर के कारणों और बच्चों की मौतों को रोकने के लिए तत्काल किए जाने वाले उपायों के बारे में विचार-विमर्श किया। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा, एम्स, एनसीडीसी, आईसीएमआर, आईएपी, डब्ल्यूएचओ और सीडीसी के विशेषज्ञ मौजूद थे।
बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हमने उन परिवारों की सामाजिक-आर्थिक दशा, पोषण की स्थिति के बारे में चर्चा की, जहां ऐसे मामले पाए गए हैं तथा वर्तमान में जारी लू की स्थिति, मृत्यु का शिकार होने वाले बच्चों में हाइपोग्लीसीमिया के उच्च प्रतिशत, जिले में मौजूद स्वास्थ्य सुविधाओं और ऐसे अन्य कारकों की चर्चा की, जिन सभी पर विचार किया जाना महत्वपूर्ण है।’’ बैठक के दौरान हुए विचार-विमर्श में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी सुविधाओं को मजबूती प्रदान करने के उपायों, उन पूर्ववर्ती महीनों के दौरान सघन जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता -जब इस तरह के मामले बहुत अधिक संख्या में सामने आते हैं, ऐसे मामलों की रोकथाम, बच्चों की मृत्यु के कारणों के बारे में पुख्ता जानकारी प्रदान करने के लिए शोध के आधार को मजबूत बनाने की आवश्यकता, राज्य और केन्द्र सरकारों, विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं के बीच सक्रिय सहयोग के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘सहयोगपूर्ण और सहकारी संघवाद की भावना के तहत केन्द्र, बिहार सरकार को एईएस/जेई पर तत्काल काबू पाने के उपाय करने और पुख्ता शोध के आधार पर उत्पन्न प्रमाणों के माध्यम से दीर्घकालिक समाधानों की तलाश के लिए सक्रिय सहायता प्रदान कर रहा है। दो केन्द्रीय बहु-विषयक दल पहले से ही बिहार में मौजूद हैं और वर्तमान में सरकार की सहायता कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी राज्य सरकार के साथ नियमित संपर्क बनाए हुए हैं और हरसंभव तकनीकी और अन्य सहायता प्रदान कर रहे हैं।’’
बैठक के दौरान, डॉ. हर्षवर्धन ने केन्द्र में स्थायी बहु-विषयक विशेषज्ञ समूह गठित किए जाने का निर्देश दिया है, जिसमें एनसीडीसी, एम्स, आईसीएमआर , डब्ल्यूएचओ सीडीसी, आईएपी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के विशेषज्ञ तथा मौसम विज्ञान, पोषण और कृषि विज्ञान के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। राष्ट्रीय स्तर पर गठित किया गया यह समूह स्वास्थ्य मंत्रालय में स्थित होगा। डॉ. हर्षवर्धन ने निर्देश दिया है, ‘‘मुजफ्फरपुर में मौजूद दो केन्द्रीय विशेषज्ञ दलों की सिफारिशों की निगरानी तथा उनके के निष्कर्षों तथा अन्य विशेषज्ञों से इसे बारे में प्राप्त अन्य सुझावों के बारे में विचार-विमर्श करने के लिए इस समूह की साल के दौरान नियमित बैठक होनी चाहिए।’’ डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘यह समूह इस बीमारी के कारणों की दीर्घकालिक समझ के अलावा इसके फैलने और इस पर तत्काल काबू पाने के लिए किए जाने वाले उपायों के बारे में सिफारिशें तैयार करेगा, ताकि इसके मामलों की रोकथाम की जा सके।’’