लखनऊः गन्ना किसानों के हितों के प्रति अत्यन्त सजग मुख्य मंत्री, योगी आदित्यनाथ जी की प्रेरणा से तथा गन्ना मंत्री, श्री सुरेश राणा के निर्देश पर केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की ‘‘किसानों की आय दुगुना‘‘ किये जाने की महत्वाकांक्षी योजना को साकार करने हेतु तत्पर प्रदेश के गन्ना विकास विभाग ने अनेक कदम उठाये हैं। गन्ना खेती में आधुनिक कृषि यंत्रों के प्रयोग को बढावा देने, सिंचाई हेतु ‘‘ड्रिप इरीगेशन‘‘ विधि को बढावा देने से गन्ना खेती की लागत कम करने का प्रयास हो रहा है।
तद्क्रम में प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी ने बताया कि दिन-प्रतिदिन जल स्तर में हो रही कमी में सुधार हेतु भू-जल संचयन, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के दृष्टिगत ड्रिप सिंचाई पद्धति मेे विभिन्न प्रकार के संयंत्रों, पाईप तकनीकों को अपनाकर पौधों की आवश्यकता के अनुसार उन्हें सीधे जड़ों के पास जल उपलब्ध कराकर गुणवत्तयुक्त उत्पादन करते हुए जल व ऊर्जा की बचत ड्रिप सिंचाई विधि का उद्देष्य है।
गन्ना आयुक्त ने बताया कि ड्रिप सिंचाई विधि को अपनाने से पानी की खपत में लगभग 50 प्रतिशत की बचत होगी तथा कृषकों की आय में 20 प्रतिशत की वृद्धि के साथ-साथ उर्वरकों एवं कीटनाशकों के प्रयोग में भी 40 प्रतिशत तक कमी आयेगी साथ ही जल का समुचित एवं समन्वित उपयोग होगा, खरपतवार नहीं होंगे तथा खेत में प्रयुक्त पानी का दुरुपयोग/ओवर फ्लडिंग की संभावना समाप्त होगी तथा उर्वरकों का भरपूर लाभ प्राप्त होगा जिससे किसान की ख्ेाती की लागत में कमी आयेगी तथा गन्ने की उपज में वृद्धि से अधिक आय की प्राप्ति होगी। प्रदेश में विगत दो वर्षों में 10,140 हेक्टेयर गन्ना क्षेत्रफल ड्रिप इरीगेशन से आच्छादित किया गया।