नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जेपी नड्डा ने कहा है कि स्वास्थ्य सेक्टर में कई चुनौतियों के बावजूद हमारा दृष्टिकोण नागरिकों को बिना वित्तीय कठिनाई के व्यापक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण
स्वास्थ्य सेवाएं उपलध कराना है। वे आज यहां भारतीय औद्योगिक परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित 12 वें भारतीय स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम सीआईआई का एक महत्वपूर्ण वार्षिक कार्यक्रम है।
इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आज का यह कार्यक्रम हमें सभी लोगों को उचित और सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के हमारे सामान्य लक्ष्य को मजबूत भागीदारी का अवसर प्रदान करता है। स्वास्थ्य मंत्री ने इस मौके पर एक स्पेशल टॉस्क फोर्स गठन करने की घोषणा की है। इस फोर्स में भगीदारी को आगे के लिए मंच प्रदान करने को स्वास्थ्य मंत्री और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल होंगे।उन्होंने कहा ‘स्वास्थ्य के मुद्दे पर उद्योग से हमारी वर्षों से बातचीत चल रही थी। और अब इस दिशा में आगे बढ़ने का समय परिपक्व हो गया है।मैं प्रभावी सार्वजनिक,सार्वजनिक निजी और नागरिक समाज की भागीदारी अनुभव, विशेषता और परस्पर विश्वास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को सुनिश्चितकरता हूं। मैं आशा करता हूं कि सरकार को अपनी लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में इस सम्मेलन के दृढ़ सुझावों से कार्ययोजना बनाने में मदद मिलेगी।
श्री नड्डा ने स्वास्थ्य सेक्टर में विभिन्न चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे सामने शहरी और ग्रामीण सुविधाओं में अंतर, निजी एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में अंतर और स्वास्थ्य गतिविधियों से संबंधित विनियमन जैसी कई चुनौतियां हैं। उन्होंने बताया कि जिस तरह देश के दक्षिणी क्षेत्र में स्वास्थ्य संवाओं से संबंधी बुनियादी का घनत्व है उस तरह का घनत्व उत्तरी और केन्द्रीय भूभाग में नहीं है। पूर्वोत्तर और केन्द्रीय आदिवासी इलाकों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्री महोदय ने कहा कि सामान्य तौर पर हमारा ध्यान स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यमिक और इसके अगले चरण पर रहता है जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है।
श्री नड्डा ने कह कि मानव संसाधन का अभाव, अपर्याप्त बुनियादी सुविधा,कमजोर लॉजिस्टिक और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति के लिए सुनिश्चित आपूर्ति श्रृखंला की व्यवस्था की कमी अभी भी इस दिशा में चिंता के कारण हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि कि स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने और 2030 तक सबकी सलामती के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें स्थायी विकास लक्ष्य (एसडीजीएस) के तहत मजबूत भगीदारी की जरूरत है। मंत्रालय की हाल की उपलब्ध्यिों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘मिशन इन्द्रधनुष’’ के पूर्ण प्ररिक्षण का प्रतिशत 65 तक पहुंच गया है जबकि 2020 तक इसे 90 प्रतिशित तक करना है। उन्होंने कहा कि देश मे स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) और मिशन इन्द्रधनुष ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन कार्यक्रमों की शुरुआत से अब तके 134000 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं।
मंत्री महोदय ने आगे बताया कि इंडिया न्यू बोर्न एक्शन प्लान (आईएनएपी) का लक्ष्य वर्ष 2030 तक नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करना और जन्म दर को एक अंक तक लाना है। हाल ही में नियमित प्रतिरक्षण प्रोग्राम के तहत शुरू किया गया आईपीवी भी शिशु मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया कि वयस्कों के लिए मंत्रालय जल्दी ही जेई,एमआर और रोटावायरस जैसे टीका लाने वाला है।
श्री नड्डा ने बताया कि सरकार एचआईवी–एड्स जैसे बीमारियों से संबंधित कुछ बड़े नीतिपरक निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि इलाज सेवाओं की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए मंत्रालय ने एंटी रीट्रिवल थेरेपी शुरू करने का अब से अंतिम सीमा स्तर 500 का सीडी4 गणना होगी। इस नए निर्णय से अतिरिक्त एक लाख लोग इसका फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति का मसौदा तैयार करने में सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि उनका सुझाव नीति को अर्थपूर्ण और समग्र बनाएगा।