नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने निम्नलिखित फैसलों को मंजूरी दी है :
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की भूमि सरकारी एजेंसियों को बेचने के 28 दिसम्बर 2018 के फैसले में परिवर्तन और उसके स्थान पर डीपीई के 14 जून 2018 के संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार भूमि की बिक्री की इजाजत;और
- कर्मचारियों की देनदारियों (भुगतान नहीं किया गया वेतन-158.35 करोड़ रुपये + वीआरएस 172 करोड़ रुपये) का भुगतान करने के लिए निम्नलिखित तरीके से 330.35 करोड़ रुपये के ऋण में बजटीय सहायता प्रदान करना।
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- आईडीपीएल – 6.50 करोड़ रुपये
- आरडीपीएल – 43.70 करोड़ रुपये
- एचएएल – 280.15 करोड़ रुपये
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- परिसम्पत्तियों की बिक्री और बकाया देनदारियों के भुगतान सहित सार्वजनिक क्षेत्र के चार उपक्रमों के बंद होने/रणनीतिक बिक्री से जुड़े सभी फैसले लेने के लिए मंत्रियों की एक समिति का गठन।
प्रमुख प्रभाव :
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- भुगतान नहीं किया गया वेतन देने और आईडीपीएल, आरडीपीएल और एचएएलके कर्मचारियों के वीआरएस के लिए सहायता प्रदान करने में 330.35 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता से मदद मिलेगी। इस फैसले से सार्वजनिक क्षेत्र के इन उपक्रमों के 1,000 से भी ज्यादा कर्मचारियों की परेशानियां कम होगी।
- मंत्रियों की समिति के गठन से आईडीपीएल 85 आरडीपीएल बंद करने और एचएएल 85 बीसीपीएल की रणनीतिक बिक्री के लिए 28 दिसम्बर, 2016 को किये गये मंत्रिमंडल के फैसले को लागू करने की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
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पृष्ठभूमि :
मंत्रिमंडल ने 28 दिसम्बर, 2016 को खुली प्रतिस्पर्धात्मक बोली के जरिये सरकारी एजेंसियों को हिन्दुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड (एचएएल), इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स (आईडीपीएल), राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स और बंगाल कैमिकल एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड (बीसीपीएल) की अतिरिक्त भूमि बेचने और बेचने की प्रक्रिया से बकाया देनदारियों से मुक्ति पाने का फैसला किया था। ये फैसला किया गया कि देनदारियां पूरी करने के बाद आईडीपीएल और आरडीपीएल को बंद कर दिया जाएगा और एचएएल 85 बीसीपीएल को रणनीतिक बिक्री के लिए रखा जाएगा। विभाग ने अतिरिक्त भूमि की बिक्री के लिए गंभीर प्रयास किये, लेकिन एक से अधिक बार टेंडर जारी करने के बावजूद उसे कोई खरीददार नहीं मिला। इस बीच, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के विभाग (डीपीई) में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की भूमि के निपटारे के संबंध में 14 जून, 2018 को संशोधित दिशा-निर्देश जारी किये। चूकि अतिरिक्त भूमि की बिक्री से धनराशि की उगाही नहीं की जा सकी, कुछ उपक्रमों (एचएएल और आरडीपीएल)के कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं किया जा सका और वीआरएस योजना शुरू की गई। यह फैसला किया गया कि डीपीई के संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार भूमि का निपटान किया जाएगा। कर्मचारियों की देनदारियों को पूरा करने के लिए बजटीय सहायता की व्यवस्था की जाए।