18 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

पेटा ने जे डी इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी में वेगन फैशन वर्कशॉप का किया आयोजन

उत्तराखंड

देहरादून: जानवरों को बचाने के उद्देश्य से, देश के प्रमुख डिजाइन शिक्षा संस्थानों में से एक, जे.डी. इंस्टिट्यूट ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी ने पेटा  (पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ़ एनिमल्स) के साथ मिलकर एक वेगन फैशन कार्यशाला का आयोजन किया।

पेटा इंडिया की प्रतिनिधि राधिका सूर्यवंशी ने वेगन फैशन पर दी गयी अपनी प्रस्तुति से फैशन उद्योग में बेजुबान जानवरों पर हर रोज होने वाले अत्याचारों और उनकी बेदर्दी से होने वाली हत्या के बारे में बताया । पेटा ने चमड़ा और ऊन के इस्तेमाल से बनने वाले उत्पादों को फैशन इंडस्ट्री में पशुओं के शोषण का मुख्य कारण बताया।

इस वर्कशॉप में पेटा द्वारा पशुओं के अधिकारों के लिए विभिन्न फैशन ब्रैंड्स के साथ मिलकर किये गए पहलों को भी शामिल किया गया। जेडी इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी द्वारा हाल ही आयोजित में फैशन अवार्ड्स के दौरान, छात्रों ने पेटा के साथ मिलकर दो कॉलेक्शन्स और घरों में कमरों के सजावट के लिए नए डिज़ाइन्स को लॉन्च किया था। इस वर्कशॉप का उद्देश्य वेगन फैशन के बारे में लोगों को जागरूक करना था।

चमड़ाः पेटा के अनुसार, चमड़ा उद्योग परिवहन उद्योग की तुलना में अधिक प्रदूषण करता  हैं। वर्कशॉप में पेटा द्वारा वेगन फैशन के लिए की गयी पहलों के  बारे में बताया गया, जैसे कि जानवरों के चमड़े के इस्तेमाल के बजाय अनानास (पाइनएप्पल )के चमड़े का उपयोग करना, जिससे हम जानवरों की क्रूरता  पूर्वक हत्या को रोक सकते है।

ऊनः पेटा के अनुसार ऊन विनिर्माण उद्योग पर्यावरण पर दबाव डालता है। अमेरीका में पेटा ने विख्यात फैशन डिजाइनर स्टेला मेकार्टनी के साथ मिलकर ऊन का एक विकल्प तैयार किया है जो जूट और सोयेबीन के पौधों से तैयार किया गया हैं।  पेटा जानवरों से निकाले गए ऊन के बदले बायो-डिग्रेडेबल उपायों को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More