देहरादून: मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने सोमवार को सचिवालय में केन्द्र पोषित योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने स्वीकृतयाँ जारी करने और व्यय में तेजी लाने के निर्देश दिए। केन्द्र पोषित योजना (सीएसएस) के
लिये भारत सरकार ने फंडिंग पैटर्न में बदलाव किया। उत्तराखण्ड सरकार 2015-16 का बजट प्राविधान पुराने पैटर्न के अनुसार था। इस लिहाज से मुख्य सचिव ने नये फंडिंग पैटर्न के अनुसार सीएसएस को एडजस्ट करने के लिए कहा है।
बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना, राष्ट्रीय बागवानी मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय डेयरी विकास योजना, प्राकृतिक संसाधनों और इको सिस्टम का संरक्षण, वन्यजीवों का एकीकृत विकास, स्वास्थ एवं चिकित्सा शिक्षा में मानव संसाधन, राष्ट्रीय एड्स कार्यक्रम और मदरसा, अल्प संख्यक एवं निशक्त के लिये शिक्षा योजना पहले शत प्रतिशत सीएसएस थी। अब 90ः10 हो गई है। यानि 90 प्रतिशत शेयर भारत सरकार और 10 प्रतिशत शेयर राज्य सरकार का होगा। इसके अलावा भारत सरकार ने मनरेगा, निशक्त, पिछडी जाति, घुमंतू और प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना आदि कार्यक्रमों के लिये शतप्रतिशत सीएसएस रखा है।
बताया गया कि नेशनल डेवलपमेंट एजेंडा के तहत विजन 2022 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये प्राथमिकता वाले क्षेत्र चयन करने के लिये कहा गया है। इनमें से गरीबी उन्मूलन, पेयजल, और स्वच्छ भारत, ग्रामीण संयोजकता, कृषि, पशुधन, मत्स्य और सिंचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, सबके लिए आवास, शहरी रूपांतरण, कानून-व्यवस्था के अलावा वन्य जीव संरक्षण, हरियाली आदि भी शामिल किया जा सकता है। इसके साथ ही राष्ट्रीय रोजगार गांरटी स्कीम पहले 90ः10 थी, अब शत प्रतिशत हो गया है। पेयजल में 80ः20 से 90ः10 हो गया है। राष्ट्रीय शिक्षा मिशन में अलग-अगल अनुपात अब 90ः10 हो गया है। मध्यान्ह भोजन 75ः25 से 90ः10, न्यायपालिका के लिये अवस्थापना सुविधा के लिये 75ः25 से 90ः10 के अनुपात में हो गया है।