नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सफदरजंग अस्पताल में जेरिएट्रिक
रविवार ओपीडी, 3 टी एमआरआई सुविधा, बाइप्लेन कार्डिएक कैथीटेराइजेशन प्रयोगशाला और ईएसडब्ल्यूएल प्रयोगशाला सहित कई सुविधाओं का उद्घाटन किया।
अपने दौरे के दौरान डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हमारे प्रेरक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में स्वास्थ्य को सरकार के शीर्ष एजेंडा में जगह दी गई है और आज का घटनाक्रम प्रदर्शित करता है कि प्रधानमंत्री बुनियादी रूप से देश को रूपांतरित करने और देशवासियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा “हमारे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम सक्रिय रूप से सर्वश्रेष्ठ उपकरणों, तकनीकों एवं भवनों के साथ अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इनकी तुलना देश एवं विश्व में सर्वश्रेष्ठ के साथ की जा सकती है।” उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हम प्रधानमंत्री के 2022 तक नवीन भारत की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, स्वास्थ्य हमारे उन्नत देश के प्रमुख निर्धारकों एवं घटकों में से एक होगा।
इमरजेंसी ब्लॉक में कर्मचारियों, अर्धचिकित्सा कर्मचारियों एवं चिकित्सकों के साथ बातचीत करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अस्पताल में प्रत्येक व्यक्ति का लक्ष्य यह देखना होना चाहिए कि किसी भी मरीज को वापिस नहीं भेजा जाए या किसी अन्य आपातकालीन सुविधा में रेफर नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि “हमें अपनी क्षमताओं एवं शक्तियों का इस प्रकार निर्माण करना चाहिए जिससे कि हम प्रत्येक आपातकालीन मरीज, जिसे हमारी देखभाल की आवश्यकता है, की सेवा सुश्रुषा करने में सक्षम हो सकें।” उन्होंने विभिन्न वार्डों, प्रयोगशालाओं, ऑपरेशन थिएटरों, कैथीटेराइजेशन प्रयोगशालाओं, जेरिएट्रिक एवं पैडीएट्रिक आईसीयू का दौरा किया और मरीजों तथा उनकी देख-रेख करने वालों से बातचीत की। उन्होंने मरीजों, रेफरलों एवं अन्य सेवाओं के पंजीकरण की प्रक्रियाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने नए सुपर स्पेशिलिएटी ब्लॉक का भी दौरा किया एवं एक पौधा लगाया।
डॉ. हर्षवर्धन ने परिसर के भीतर प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र का दौरा किया। उन्हें बताया गया कि बाजार में जिन दवाओं की कीमत 500-600 रुपये हैं उन्हें केंद्र में 105 रुपये तक की बहुत किफायती दर पर बेचा जाता है। उन्होंने कहा कि “सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि दवाओं पर निजी व्यय जो स्वास्थ्य देखभाल लागत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, ऐसे फार्मेसी केंद्रों के माध्यम से काफी कम हो जाते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की प्राथमिकताओं में से एक देश के सभी हिस्सों में से गुणवत्तापूर्ण तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं का विस्तार करना है। नए एम्स की घोषणा के साथ एम्स की कुल संख्या बढ़कर 22 हो जाएगी। इसके अतिरिक्त एमसीएच विंग्स के साथ सुपरस्पेशिलिटी ब्लॉक्स की स्थापना देश भर में कई जिला अस्पतालों एवं चिकित्सा महाविद्यालयों में की जा रही है। पहले से ही योजनाबद्ध 82 अस्पतालों के अतिरिक्त, देशभर में 2022 तक 75 जिला अस्पतालों का चिकित्सा महाविद्यालयों में उन्नयन किया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि इस वर्ष आम बजट में स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए बजट में 19 प्रतिशत से अधिक की उल्लेखनीय वृद्धि प्रदर्शित की गई है। यह देश भर में स्वास्थ्य क्षेत्र को दिए गए महत्व को परिलक्षित करता है।