लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा, चालकों का अनुशासन और हादसों में कमी लाने के
उद्देश्य से बड़ा कदम उठाते हुए यूपीएसआरटीसी की सभी बसों के पीछे सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है। निगम ने पहले चरण में (वर्ष 2019-20 के लिए) तीन सर्वाधिक दुर्घटना बाहुल्य मार्ग की 680 बसों में 1400 सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य सितंबर 2019 से शुरू होकर मार्च 2020 तक चलेगा।
यह जानकारी प्रबंध निदेश, परिवहन डाॅ0 राजशेखर ने देते हुए बताया कि लगभग 40 से 50 करोड़ रुपये सालाना पीड़ितों को मुआवजा और दुर्घटनाओं के अधिकांश न्यायालय के दावों के भुगतान पर खर्च किए जाते हैं। कई मामलों में कुछ लोग गलत तथ्यों के आधार पर मुआवजा पाने के लिए कोशिश करते हैं। दुर्घटना के कई मामलों में पर्याप्त साक्ष्य एवं सबूतों के अभाव में यूपीएसआरटीसी को करोड़ों रुपये भुगतान करना पड़ता है। सी0सी0टी0वी0 कैमरे लग जाने से हादसों और झूठी शिकायतों पर अंकुश लगेगा। इससे लोगों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने में भी मदद मिलेगी।
डाॅ0 राजशेखर ने बताया कि यूपीएसआरटीसी में फिलहाल मई 2019 से कैसरबाग और अवध डिपो में पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुल चार बसें चलाई जा रही हैं। इस पायलट प्रोजेक्ट के परिणामों का अध्ययन करने के लिए यूपीएसआरटीसी के वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति का गठन किया था। टीम ने पायलट प्रोजेक्ट को बहुत उपयोगी पाया और अन्य बसों में भी सीसीटीवी को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की सिफारिश की।