देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में तकनीकि शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि ऐसे प्रयास किये जायें कि आईटीआई, पॉलिटेक्निक व इंजीनियरिंग से अपना कोर्स पूर्ण करने के बाद युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकि शिक्षा से जुड़े संस्थानों में स्किल डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाय। छात्र-छात्राओं में तकनीकि दक्षता के विकास पर भी ध्यान दिया जाय। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कौशल विकास के प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर विशेष बल दिया जाय। औद्योगिक संस्थानों की मांग के अनुसार छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित किया जाय व उन्हें औद्योगिक संस्थानों का भ्रमण भी कराया जाय, ताकि वे कार्यप्रणाली को समझ सकें।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश जितने भी पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं। उनमें कितने ट्रेड हैं, कितनी छात्र व अध्यापक संख्या है एवं जिस स्थान के लिए कॉलेज खोलने की स्वीकृति हुई थी, क्या वे वहीं चल रहे हैं। उसकी पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाय। ऐसे पॉलिटेक्निक कॉलेजों की सूची भी उपलब्ध कराई जाय, जहां से पढ़ाई कर सबसे अधिक छात्रों को रोजगार मिला है। तकनीकि के ऐसे विभिन्न क्षेत्रों को भी चिन्हित किया जाय, जिनमें युवाओं को अधिक रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हों। साथ ही ऐसे सेक्टरों का भी आंकलन किया जाय, जिनमें भविष्य में रोजगार सृजन की अधिक संभावनाएं हों।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार का सेवा क्षेत्र पर विशेष ध्यान है। उत्तराखण्ड में सेवा क्षेत्र में रोजगार व स्वरोजगार की बहुत सम्भावनाएं है। स्किल डेवलपमेंट की कार्ययोजना में सेवा क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रदेश में पलायन रोकने के लिए स्वरोजगार पर सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इसमें स्किल डेवलपमेंट की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, सचिव श्रीमती राधिका झा, निदेशक तकनीकि शिक्षा डॉ. इकबाल अहमद व संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।