लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है। पूरा विश्व एक बाजार में तब्दील हो गया है। इस परिस्थिति का
फायदा उठाने के लिए प्रदेश के नौजवानों को उनकी जरूरत के हिसाब से कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ने के लिए हाईस्कूल स्तर पर ही काउन्सिलिंग की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए स्वैच्छिक संस्थाओं की भी मदद ली जाएगी। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को खेल के प्रति आकर्षित करने के लिए प्रत्येक विद्यालय में फुटबाॅल उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री आज यहां विधान भवन स्थित राजर्षि पुरूषोत्तमदास टण्डन सभागार में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के तत्वावधान में आयोजित बाल संसद को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने विद्यार्थियों को खूब खाने-खूब पढ़ने एवं खूब खेलने की सलाह देते हुए कहा कि जीवन में तरक्की के लिए कोई शाॅर्ट कट नहीं होता। उन्होंने सुझाव दिया कि छात्र-छात्राओं को महान विभूतियों की जीवनी से सम्बन्धित पुस्तकें पढ़नी चाहिए। तभी यह जाना जा सकता है कि विषम परिस्थितियों में अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति, मेहनत एवं धैर्य की बदौलत अब्राहम लिंकन, डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम आदि अपने जीवन के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने में सफल रहे। बचपन सभी का एक जैसा होता है। लेकिन इसे अपनी सूझ-बूझ एवं दृढ़ इच्छा शक्ति से बदला जा सकता है। ‘नाॅलेज इज़ पावर’ की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में लोगों को तमाम समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचुरता से उपलब्ध तमाम वस्तुओं का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आज लोग स्वस्थ रहने के लिए जौ, बाजरा, तिल इत्यादि चीजों का प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन तमाम लोग इन जिंसों का महत्व नहीं समझते।
उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जब प्रदेश के नौजवानों को प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध कराने का काम शुरू किया, तो कुछ ही दिनों में करीब 45 लाख नौजवानों ने मिशन में अपना पंजीयन कराया। उन्होंने कहा कि यह कार्य अच्छा चल रहा है। राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में कम्पनियों को सूचीबद्ध कर लाखों नौजवानों को प्रशिक्षण दिला कर रोजगार उपलब्ध कराया है। आने वाले समय में संसाधनों की व्यवस्था कर कौशल विकास मिशन को हाईस्कूल स्तर तक ले जाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों के माहौल में बहुत फर्क होता है। वर्तमान राज्य सरकार इस स्थिति को अच्छी तरह से समझती है। इसीलिए कई ऐसी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिससे इस अंतर को यथा सम्भव कम किया जा सके।
श्री यादव ने निःशुल्क लैपटाॅप वितरण योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना के माध्यम से लाखों छात्रों को देश-दुनिया से जोड़ने एवं जानकारी प्राप्त करने के लिए आर्थिक रूप से सम्पन्न छात्र-छात्राओं के समकक्ष लाया गया है। इस योजना से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। बड़ी संख्या में शिक्षा मित्रों को रोजगार उपलब्ध कराकर विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि शिक्षा मित्रों के अध्यापन की गुणवत्ता सुधारने के लिए एक साॅफ्टवेयर विकसित करने पर विचार किया जाएगा। मध्यान्ह भोजन योजना की गुणवत्ता बनाए रखने पर सतत् प्रयास किया जा रहा है। अभी तक अक्षयपात्र जैसी निजी संस्था का सहयोग लेने के अलावा सप्ताह में एक दिन दूध देने का काम किया जा रहा है। सप्ताह में एक दिन बच्चों को फल देने की व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है।
श्री यादव ने देश की सांस्कृतिक विरासत की तारीफ करते हुए कहा कि इतनी विविधता दुनिया के किसी देश में नहीं है। इसके बावजूद एक समाज के रूप में यहां के लोग संगठित होकर सोचते और रहते हैं। हिन्दी और उर्दू को बढ़ावा देने के प्रयासों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिन्दी, उर्दू और संस्कृत के विद्वानों का सम्मान कर रही है। उत्तर प्रदेश आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य है। जाहिर है इससे संसाधनों पर काफी दबाव है। इसके बावजूद राज्य सरकार प्रदेश के विकास के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि वाराणसी के घाटों पर भजन की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई है। इसी तर्ज पर अयोध्या में भी एक भजन स्थल बनवाने तथा अयोध्या-फैजाबाद की विद्युत वितरण व्यवस्था को भूमिगत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरयू सहित तमाम नदियों को प्रदूषण से रोकने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के क्रम में राज्य सरकार गम्भीरता से काम कर रही है।
राजकीय व्यवस्थाओं को निजी की अपेक्षा कमतर ठहराए जाने की धारणा को गलत बताते हुए श्री यादव ने कहा कि आज भी बड़े और गम्भीर इलाज सरकारी अस्पतालों में ही होते हैं। इसी प्रकार अधिकांश सरकारी संस्थानों का मुकाबला निजी क्षेत्र नहीं कर सकते हैं। इसके बावजूद समाज और प्रदेश के विकास के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है। नौजवानों की जरूरतों को समझ कर उसके अनुरूप योजना बनाकर राज्य सरकार काम करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि बचपन में ही छात्रों को अनुशासित रहने का प्रशिक्षण दे दिया जाए तो कई समस्याओं का स्वतः समाधान हो जाएगा।
बाल संसद को सम्बोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि राजकीय संस्थाओं को, संसाधन हीन एवं आर्थिक रूप से कमजोर की तरफ अधिक ध्यान देना चाहिए, जिससे कि उन्हें भी समाज में प्रगति करने का मौका मिल सके। उन्होंने कन्या भू्रण हत्या आदि सामाजिक बुराइयों का उल्लेख करते हुए कहा कि बहुत कम लोगों के कृत्य से पूरा समाज बदनाम होता है। ऐसे लोगों को वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप मानसिक रूप से बदलने के लिए तैयार करना चाहिए। इसके साथ ही, इन बुराइयों को रोकने के लिए बनाए गए कानूनों को सख्ती से लागू करना चाहिए।
संसदीय कार्य मंत्री श्री मोहम्मद आजम खां ने कहा कि राज्य सरकार नगरों में मूलभूत सुविधाएं बढ़ाने के लिए गम्भीरता से काम कर रही है। इसके तहत अनेक कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अयोध्या, वाराणसी सहित तमाम धार्मिक नगरों के विकास के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई है।
इस अवसर पर सांसद श्रीमती डिम्पल यादव ने कहा कि राज्य सरकार बच्चों में व्याप्त कुपोषण की समस्या के समाधान के लिए गम्भीरता से काम कर रही है। लगभग 14 लाख बच्चों को सूचीबद्ध किया गया है, जिन्हें विशेष पोषाहार देकर सामान्य बच्चों की कैटेगरी में लाया जाएगा। एनीमिया की समस्या के समाधान के लिए आयरन युक्त नमक उपलब्ध कराने पर विचार किया जा रहा है। इसमें टाटा ट्रस्ट का सहयोग भी लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चों को स्वस्थ, शिक्षित एवं खुशहाल बनाने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है।
इस मौके पर कई छात्र-छात्राओं ने अपने विचार व्यक्त करते किए। इसके अलावा, अनेक विद्यार्थियों ने सीधे मुख्यमंत्री से विभिन्न समस्याओं की तरफ उनका ध्यान आकृष्ट कराकर समाधान का अनुरोध किया, जिसके क्रम में मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि राज्य सरकार इन समस्याओं के समाधान के लिए हर सम्भव काम करेगी।