नई दिल्ली: अल्पसंख्यकों का जीवन स्तर सुधारने के लिए तमाम सरकारी योजनायें फाइलों से आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। आर्थिक सामाजिक ढांचे में सुधार एवं मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराकर अल्पसंख्यकों के जीवन स्तर में सुधार के लिए बहु क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (एमएसडीपी) योजना पर 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में 6,300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी मिली लेकिन इन्हें ठीक ढंग से खर्च नहीं किये जाने की शिकायतें मिल रही हैं।सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एमएसडीपी कार्यक्रम 2008-09 में 90 अल्पसंख्यक बहुल जिलों में शुरू किया गया था। एमएसडीपी के तहत सभी अल्पसंख्यक समुदाय मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी शामिल है।
मंत्रालय ने बताया कि 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान एमएसडीपी के लिए कुल आवंटन 3780 करोड़ रुपये था जिसमें 3734 करोड़ रुपये की केंद्रीय हिस्सेदारी के साथ परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी। 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान मंत्रालय ने 2576 करोड़ रुपये केंद्रीय हिस्सेदारी के साथ परियोजनाओं को मंजूरी दी तथा 1598.96 करोड रुपये जारी किये गए हैं। कई वर्गों से ऐसी शिकायतें मिली हैं कि आवंटित राशि को ठीक ढंग से खर्च नहीं किया जा रहा है।
इस बारे में अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की जा रही है और सभी राज्यों से कोष की पूरी राशि खर्च करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि केरल, मध्यप्रदेश जैसे कुछ राज्य कोष काफी अच्छे ढंग से खर्च कर रहे हैं जबकि उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल जैसे राज्य इन्हें ठीक ढंग से नहीं खर्च कर रहे हैं।
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