16.7 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

21वीं सदी में सारे विश्व में युवा शक्ति के अभूतपूर्व जागरण की शुरूआत हो चुकी है!

उत्तर प्रदेश

(1) संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की घोषणा :-

                संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा युवा पीढ़ी को आज के युग के ज्ञान तथा बुद्धिमत्ता से जोड़ने के लिए प्रतिवर्ष 12 अगस्त को अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की घोषणा की गयी है। यह दिवस युवा पीढ़ी को विश्व के समक्ष उपस्थित विश्वव्यापी समस्याओं तथा उनके समाधान की समझ विकसित की प्रेरणा देता है। यह दिवस जन समुदाय तथा उसके लीडर्स को युवा पीढ़ी को विश्व में आगे बढ़ने के अवसर उपलब्ध कराने की जानकारियाँ भी प्रदान करता है। यह दिवस महज एक दिन मनाने का दिवस नही है। यह दिवस इस बात के चिन्तन मनन का दिन है कि हम कैसे युवाओं की ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग करके अपनी वसुंधरा को एक कुटुम्ब की तरह बना सकते हैं? इस दिशा में हम सभी विश्ववासियों को मिल-जुलकर हर दिन मानव जाति की भलाई के लिए कुछ न कुछ करते रहना चाहिए। हमारा मानना है कि विश्व एकता की शिक्षा इस युग की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

(2) भारत का युवा वर्ग तैयार है एक विश्वव्यापी नई युवा क्रांति के लिए :-

                भारत विश्व का सबसे बड़ा प्रजातांत्रिक देश है। आज भारत में दूसरे देशों की तुलना में सबसे ज्यादा युवा बसते हैं। युवा वर्ग वह वर्ग होता है जिसमें 14 वर्ष से लेकर 40 वर्ष तक के लोग शामिल होते हैं। आज भारत देश में इस आयु के लोग सबसे बड़ी संख्या में मौजूद है। एक आंकड़े के अनुसार भारत विश्व का सबसे बड़ा युवा देश है। यह एक ऐसा वर्ग है जो शारीरिक एवं मानसिक रूप से सबसे ज्यादा ताकतवर है। जो अपने परिवार, समाज, देश तथा विश्व के विकास के लिए हर संभव प्रयत्न करते हैं। आज भारत देश में 75 प्रतिशत युवा पढ़ना-लिखना जानता है। आज भारत ने अन्य देशों की तुलना में अच्छी खासी प्रगति की है। इसमें सबसे बड़ा योगदान शिक्षा का है। आज भारत का हर युवा अच्छी से अच्छी शिक्षा पा रहा है। उन्हें पर्याप्त रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। आज भारत का युवा वर्ग हर क्षेत्र में ऊंचाईयों को छूना चाहता है। भारत का युवा वर्ग तैयार है एक विश्वव्यापी नई युवा क्रांति के लिए।

(3) युवा पीढ़ी के संबंध में कुछ महापुरूषों के प्रेरणादायी विचार :-

                फ्रेंज कैफ्का- यौवन खुशहाल  है  क्योंकि उसके अन्दर जीवन में कुछ कर गुजरने का जुनून है। जो कोई भी यह क्षमता रखता  है वह कभी बूढ़ा नहीं  होता। जेस सी. स्कोट- एक फिट स्वस्थ्य शरीर यही सबसे अच्छा फैशन स्टेटमेंट हैं। ओगडेन नैश- आप केवल एक बार युवा होते हैं, पर आप अनिश्चित काल के लिए अपरिपक्व रह सकते हैं। चौड सग- जीवन के हर पल प्रभु कार्य में लगायें तुम इस क्षण जितने प्रभु कार्य के लिए युवा हो उतने फिर कभी नहीं होगे। ऑस्कर वाइल्ड- युवा रहने का राज है कभी अनुचित भावना मत रखो। ऐल्बर्ट आइंस्टीन – मैं उस एकांत में रहता हूँ जो युवावस्था में तकलीफ देह है, लेकिन परिपक्वता के दिनों में स्वादिष्ट।

(4) शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पाता है :-

                मार्क ट्वेन- जार्ज वाशिंगटन एक लड़के के रूप में युवाओं की आम उपलब्धियों से अनभिज्ञ थे वो झूठ भी नहीं बोल सकते थे। चाणक्य- शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पाता है। शिक्षा सौंदर्य और यौवन को परास्त कर देती है। कर्ट कोबैन- युवाओं का कर्तव्य है शैतानी सभ्यता को आध्यात्मिक सभ्यता द्वारा ललकारना। अरस्तु- युवावस्था में डाली गयी अच्छी आदतें जीवन में भारी परिवर्तन लाती हैं। अरस्तु- युवा आसानी से धोखा खा जाता हैं क्योंकि वह उम्मीद करने में बहुत तेज होता हैं। रॉबर्ट फ्रॉस्ट- मैं भविष्य जानने के लिए युवाओं को पढ़ाने जाता हूँ। फ्रेडरिक स्किलर- मानव जाति की सेवा के सपनां के साथ सच्चे बने रहे। रविन्द्रनाथ टैगोर- आयु सोचती है, जवानी करती है। मौरिस चेवालिएर- एक आरामदायक बुढ़ापा अच्छी तरह से बितायी गयी जवानी का इनाम होता है। पाब्लो पिकासो- जवानी की कोई उम्र नहीं होती। डा. अब्दुल कलाम- युवाओं को नौकरी खोजने वाले की जगह नौकरी पैदा करने वाले बनाने की आवश्यकता है।

(5) युवा समृद्धि के संरक्षक हैं :-

                मारी वोन एस्चेंबैक- हम जवानी में सीखते हैं और हम बुढापे में समझते हैं। कार्ल जंग- बढ़ती उम्र के साथ जवानी का उत्साह हमेशा हल्का नहीं पड़ता कभी-कभी यह और बढ़ जाता है। स्तानिस्लाव लेस- यौवन प्रकृति का उपहार है लेकिन उम्र कला की एक कृति है। बेंजामिन डिस्रेलि- युवा समृद्धि के संरक्षक हैं। बेट्टी फ्रीडैन- बूढ़ा होना जवानी का खोना नहीं बल्कि नए अवसर और ताकत का मंच है। मार्कस टुलीयस सिसरो- आतुरता युवाओं की है बुद्धिमानी वृद्धों की। स्कॉट फिट्जगेराल्ड- एक लेखक को अपनी पीढ़ी के युवाओं के लिए अगली पीढ़ी के आलोचकों के लिए और उससे भी बाद की पीढ़ी के अध्यापकों के लिए लिखना चाहिए। यूरीपाईड्स- जो कोई भी अपनी जवानी में सीखने पर ध्यान नहीं देता अपना अतीत खो देता है और भविष्य के लिए मर चुका होता है। जोस रिजाल- युवा हमारे भविष्य की आशा हैं। बेंजामिन डिस्रेलि- लगभग हर एक चीज जो महान है युवाओं द्वारा की गयी है।

(6) युवा अपने जीवन में केवल उत्तम तथा उत्कृष्ट कार्य करने के लिए उत्प्रेरित हो :-

                शिक्षा में निरन्तर एवं सतत् गुणात्मक विकास के लिए मनोयोगपूर्वक प्रयत्न करने की आवश्यकता है। सतत् प्रयत्न द्वारा गुणात्मक बालक निर्मित करने की प्रक्रिया पूरी होती है। क्वालिटी लीडरशिप में जो व्यक्ति अग्रणी बनना चाहते हैं उन्हें शुरू से ही इस दिशा में प्रशिक्षण लेना पड़ेगा। इस स्थिति को प्राप्त करने के लिए स्कूलों एवं कालेजों का योगदान सबसे महत्वपूर्ण हैं क्योंकि बचपन से ही यदि बालक उत्तम कार्य करने की आदत डाल लेगे तो बडे़ होकर वे हमेशा ही उत्कृष्ट काम करने की प्रवृत्ति बनाये रखेंगे। स्कूलों को चाहिए कि शिक्षा के अलावा बच्चों की प्रवृत्ति भी इस प्रकार बदले कि युवा अपने जीवन में केवल उत्तम तथा उत्कृष्ट कार्य करने के लिए उत्प्रेरित हो। क्वालिटी सर्किल एवं टोटल क्वालिटी प्रबन्ध जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों की आदतें व प्रवृत्तियॉ गुणवान नागरिकों एवं गुणवान मानव की बनायी जा सकती है। यहीं गुण प्रत्येक युवा में होने चाहिए।

(7) आज विश्व एक ग्लोबल विलेज के रूप में उभर रहा है :-

                सिटी मोन्टेसरी स्कूल विश्व का पहला ऐसा विद्यालय है जिसने ”शिक्षा में गुणवत्ता“ की भावना के महत्व को समझा है और शिक्षा के निरन्तर एवं सतत् गुणात्मक विकास के लिए मनोयोगपूर्वक प्रयत्नशील है। इस प्रयत्न की शुरूआत मेरी जापान यात्रा से शुरू हुई है। जापान की औद्योगिक एवं आर्थिक प्रगति के पीछे ”कैजेन“ दर्शन के अन्तर्गत स्थापित क्वालिटी सर्किल्स का हाथ है। जापानी शब्द ”कैजेन“ का अर्थ बहुत व्यापक है – (”के“ का अर्थ है ”अविरल“ एवं ”जन“ का अर्थ है ‘विकास’)। अर्थात हमारी मनःस्थिति एवं आदत इस प्रकार की बन जाये कि हम पूर्ण मनोयोग एवं पूर्ण समर्पण की भावना से अपने कार्य में निरन्तर चिन्तन, मनन और अविरल प्रयास कर चरम सीमा तक पहुँचे बिना चैन की सांस न लें। इस युग में आज विश्व एक ग्लोबल विलेज के रूप में उभर रहा है। 21वीं सदी के वर्तमान युग में बीसवीं सदी की शिक्षा प्रणाली तालमेल बैठाने में अपने आप को असमर्थ पा रही है। अतः तेजी के साथ शिक्षा का ऐसा नव स्वरूप विकसित करना होगा जो 21वीं सदी की अनुरूप छात्रों में भौतिक, सामाजिक तथा आध्यात्मिक गुणों को विकसित कर सकें।

(8) टोटल क्वालिटी पर्सन का मुख्य उद्देश्य :-

                औद्योगिक कारखानों में टोटल क्वालिटी मैनेजमेन्ट के लक्ष्य को शत प्रतिशत तभी प्राप्त किया जा सकता है जब मैनेजमेन्ट करने वाला व्यक्ति टोटल क्वालिटी पर्सन का हो। जब व्यस्क व्यक्ति को प्रशिक्षित करके उत्पादन की गुणात्मकता में अभूतपूर्व सुधार लाया जा सकता है तो शिक्षा में इस विचार को अपनाकर टोटल क्वालिटी पर्सन के बालक का निर्माण करके टोटल क्वालिटी मैनेजमेन्ट के लक्ष्य को स्थायी रूप से प्राप्त किया जा सकता है। टोटल क्वालिटी परसन का मुख्य उद्देश्य है कि ईश्वर का उपहार बच्चों में ऐसे गुणों का बीजारोपण किया जायें कि वे नयी विचारधारा और नयी समझबूझ से देश व दुनियॉ का विकास करने में सफल हो सके। 21वीं सदी के अति विकसित विश्व समाज में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता अर्जित करने हेतु गुणवत्ता की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। अतः वे एकजुट होकर इस क्वालिटी सर्किल के आन्दोलन को सफल बनाये।

(9)        21वीं सदी में सारे विश्व में युवा शक्ति के अभूतपूर्व जागरण की शुरूआत हो चुकी है :-

                विश्व की आधी से ज्यादा आबादी युवकों की है। युवकों में मानसिक तथा शारीरिक क्षमता सर्वाधिक होती है। किसी भी व्यक्ति में इन बातों का होना सबसे बड़ी मजबूती है। सारे विश्व में आज हमारे युवक विज्ञान, अर्थ व्यवस्था, प्रशासन, न्यायिक, मीडिया, राजनीति, अन्तरिक्ष, खेल, उद्योग, प्रबन्धन, कृषि, भूगर्भ विज्ञान, समाज सेवा, आध्यात्म, शिक्षा, चिकित्सा, तकनीकी, बैंकिग, सुरक्षा आदि सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों का बड़े ही बेहतर तथा योजनाबद्ध ढंग से नेतृत्व तथा निर्णय लेने की क्षमता से युक्त पदों पर असीन हैं। 21वीं सदी में सारे विश्व में युवा शक्ति के अभूतपूर्व जागरण की शुरूआत हो चुकी है। युवकां के नेतृत्व में दुनिया से युद्धों की समाप्ति हो जायेगी। क्योंकि कोई भी युवक का हृदय एवं संवेदना युद्ध में एक-दूसरे का खून बहाने के पक्ष में कभी नही होती है। हमारा मानना है कि युवक ही एक युद्धरहित एवं न्यायपूर्ण विश्व व्यवस्था का गठन करेंगे। विश्व भर के युवा वर्ग के समर्थन एवं सहयोग का भी वसुधा को कुटुम्ब बनाने के अभियान में सर्वाधिक श्रेय होगा।  विश्व का सबसे बड़ा युवा देश भारत ही विश्व में एकता तथा शान्ति स्थापित करेगा!

डा0 जगदीश गांधी, शिक्षाविद् एवं संस्थापक-प्रबन्धक
सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More