15.6 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

यूपीएसआरटीसी की सभी बसों में लगेगी आर0एफ0आई0डी0 रिंग

उत्तराखंड

लखनऊ: आगामी 01 जनवरी 2020 से यूपीएसआरटीसी की उन्हीं बसों को ईंधन मिल सकेगा, जिनमें ईंधन स्वचालन परियोजना के तहत रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिटी डिवाइस (आरएफआईडी) रिंग काम करेगी।

यह जानकारी प्रबंध निदेशक परिवहन डाॅ0 राजशेखर ने दी। उन्होंने बताया कि यूपीएसआरटीसी ईधन की खपत में बचत सुनिश्चित करने और बसों के माइलेज में वृद्धि करने के उद्देश्य सेे सभी 105 डिपो में दिसंबर 2019 तक ईंधन स्वचालन प्रणाली लागू की जाएगी। उन्होंने बताया कि कुल 105 डिपो में से 98 भारतीय तेल निगम (आईओसी) द्वारा चलाए जाते हैं। बाकी बीपीसीएल, एचपीसीएल द्वारा चलाए जा रहे हैं और कुछ निर्माणाधीन हैं।

प्रबंध निदेशक ने बताया कि आईओसी यूपीएसआरटीसी बसों को ईंधन का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। ईंधन पर औसतन खर्च प्रति वर्ष लगभग 1300 से 1400 करोड़ रुपये आता है। एक बस चलाने पर कुल खर्च का 1ध्3 ईंधन पर खर्च होता है। यदि ईंधन के रिसाव, व दुरुपयोग को नियंत्रित कर लेते हैं तो भारी बचत हो सकती है और बसों का माइलेज भी बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यूपीएसआरटीसी ने आईओसी की मदद से फ्यूल ऑटोमेशन परियोजना शुरू की है। अब तक आईओसी ने लगभग 20 करोड़ रुपए के खर्च करके 73 डिपो को स्वचालित कर दिया गया है। इस प्रणाली के तहत, आईओसी सभी डिपो में स्वचालित ईंधन वितरण सॉफ्टवेयर और संबंधित हार्डवेयर स्थापित कर रहा है। किसी भी बस में किसी भी समय किसी भी डिपो में तेल का प्रत्येक लीटर डिपो में स्थापित ऑनलाइन सॉफ्टवेयर पर आटोमैटिक रूप से दर्ज कर लिया जाएगा।

डाॅ0 शेखर ने बताया कि प्रत्येक बस में ईंधन टैंक को फ्यूल टैंक के नोजल के चारों ओर आरएफआईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस) रिंग के साथ लगाया जाता है। ईंधन गन से निकलते समय सेंसर अपने आप लीटर डेट, टाइम, प्लेस आदि पढ़ने के साथ-साथ बस के फ्यूल और डेटा की मात्रा को सेव कर लेगा और सॉफ्टवेयर में अपडेट कर देगा। यह ईंधन की मात्रा और प्रत्येक बस के लिए लाभ के बारे में एक रियल टाइम डेटा देता है, जो हमें ईंधन के रिसाव/दुरुपयोग/अपव्यय को रोकने में मदद करेगा और प्रत्येक बस को ट्रैक करने और उसके चालक के प्रदर्शन और आउटपुट पर निगरानी रखने में मदद करेगा।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More