आवास एवं शहरी मामले मंत्रालय 19 अगस्त, 2019 को विज्ञान भवन में एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला सह-प्रदर्शनी का आयोजन करेगा। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावर चन्द गहलोत कार्यक्रम के मुख्यअतिथि होंगे। इस कार्यशाला में आवास एवं शहरी मामले राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी भी भाग लेंगे। इस कार्यक्रम में मुख्य सचिवों (यूडी) एवं अमृत के मिशन निदेशकों और राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में स्वच्छ भारत मिशन- शहरी (एसबीएम-यू) और एक लाख तथा इससे अधिक आबादी वाले 500 नगरों के नगरपालिका आयुक्तों, परास्थित संगठनों के प्रमुख, आवास एवं शहरी मामले मंत्रालय एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और विकास साझेदारों सहित 800 से अधिक प्रतिनिधियों की सहभागिता होगी।
मंत्रालय का यह सुनिश्चित करने का सतत प्रयास रहा है कि मैला ढ़ोने और सीवर तथा सेप्टिक टैंक की खतरनाक सफाई जैसे जानलेवा और अवैध प्रचलनों को पूरी तरह खत्म कर दिया जाए। इस संबंध में, मानव हताहतों के मामलों को खत्म करने के लिए सुरक्षित सफाई और सेप्टिक टैंकों, सीवर नेटवर्कों और मैनहोलों के रखरखाव पर आवास एवं शहरी मंत्रालय द्वारा कई परामर्शी और एसओपी जारी किए गए हैं। सीवरों/सेप्टिक टैंकों में मनुष्यों के प्रवेश करने से संबंधित जोखिमों को कम करने के लिए प्रणालीगत तरीके से रणनीति बनाने के लिए सुसंगत हितधारकों को एक साथ लाने एवं ऐसी दुर्घटनाओं और मौतों को कम करने में मदद करने के लिए संधारणीय स्वच्छता पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
इस कार्यशाला का आयोजन महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर वर्ष भर चलने वाले समारोहों के एक हिस्से के रूप में किया जा रहा है। कार्यशाला का फोकस सामाजिक एवं कानूनी मुद्दों एवं सीवरों एवं सेप्टिक टैंकों में मनुष्यों के प्रवेश के संबंध में प्रौद्योगिकीय एवं प्रबंधकीय युक्तियों पर चर्चा करना है। इसके साथ-साथ कार्यशाला में सीवरों की यांत्रिक सफाई, सेप्टिक टैंकों की यांत्रिक सफाई के साथ मल कीचड़ प्रबंधन, सेप्टेज का सह उपचार सहित सीवरेज प्रणाली के प्रचालन और प्रबंधन पर सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों और सीवरों एवं सेप्टिक टैंकों की सफाई के लिए नवीनतम उपकरणों एवं मशीनरी को प्रदर्शित किया जाएगा। कार्यशाला में आपातकालीन अनुक्रिया स्वच्छता इकाई (ईआरएसयू) एक पेशेवर, सुप्रशिक्षित, प्रेरित एवं उपयुक्त रूप से सुसज्जित तरीके से सीवर/सेप्टिक टैंकों में मानव प्रवेश को प्रणालीगत बनाने की एक प्रस्तावित इकाई है, की भूमिकाओं एवं उत्तरदायित्वों, जलशक्ति अभियान के माध्यम से जल संरक्षण पर सरकार के फोकस के अनुरूप वर्षा जल संचयन सहित अपशिष्ट जल, झंझा जल प्रबंधन भी चर्चा के महत्वपूर्ण एजेंडा होंगे। इन प्रयासों में सहायता के लिए मंत्रालय झंझा जल निकासी प्रणाली, 2019 ईआरएसयू पर परामर्शदात्री और केन्द्रीय लोक स्वास्थ्य एवं पर्यावरण अभियांत्रिकी संगठन (सीपीएचईईओ) के तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा तैयार सीवर एवं सेप्टिक स्वच्छता उपकरण की निर्देशिका भी जारी करेगा।
दिनभर चलने वाले पैनल चर्चाओं की एक श्रृंखला के जरिए, कार्यशाला में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की पहल किफायती परिवहन की दिशा में टिकाऊ विकल्प (एसएटीएटी) के तहत बायो मिथेनेशन पर आधारित पालिका ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) एवं मल कीचड़ के साथ एमएसडब्ल्यू के जैविक भाग के सह उपचार पर सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों की प्रस्तुति एवं चर्चाएं भी की जाएंगी।
हितधारकों के बीच दिनभर चलने वाली बातचीत का परिणाम शहरी क्षेत्रों में संधारणीय स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा के रूप में सामने आने की उम्मीद है। आने वाले दिनों में राज्य / संघ शासित प्रदेश एवं यूएलबी स्तर प्रतिनिधि इस महत्वपूर्ण विषय पर सूचना एवं अंतर्दृष्टियों को और अधिक प्रचारित करने के लिए अपने संबंधित क्षेत्रों में ऐसी ही कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे जिससे सुरक्षित एवं संधारणीय स्वच्छता के मुद्दे को एक नया आयाम प्राप्त होगा।