देहरादून: भारत से उद्यमियों और भावी लीडर्स का नया समूह समाज परसकारात्क बदलाव उत्पन्न करने और खासतौर पर हिमालयी क्षेत्र उत्तराखण्ड के हिमालयी क्षेत्रों, हिमांचल प्रदेश में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए तैयार है। नरोपा फैलोशिप प्रोग्राम ने लद्दाख में 12000 फीट की उंचाई पर स्थित दु्रकपा वंश की सबसे बड़ी मोनेस्ट्री हेमिस मोनेस्ट्री के पहले छात्रदल के लिए दीक्षान्त समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर कुल 52 छात्रों को एंटरेप्रेन्यूरशिप एवं लीडरशिप प्रोग्राम में पोस्टग्रेजुएट प्रमाणपत्र दिया गया।
दीक्षांत समारोह में लद्दाख के नवनिर्मित केन्द्रशासित प्रदेश के विधायक जमयांग तसेरिंग नामग्याल भी मौजूद रहे, जिन्होंने माननीय अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। अशोका युनिवर्सिटी के चांसलर डॉ रूद्रांगशु मुखर्जी इस अवसर पर माननीय अतिथि एवं प्रवक्ता रहे।
52 फैलोज़ के पहले दल को एकवर्षीय, फुली रेज़ीडेन्शियल, पोस्ट-ग्रेजुएट अकादमिक प्रोग्राम में प्रशिक्षण दिया गया है, जहं उन्हें उद्यमिता, समाज एवं संस्कृति, संचार कौशल एवं व्यक्तित्व विकास में प्रशिक्षित किया गया।
पाठ्यक्रम के दौरान लाईव एक्शन प्रोजेक्ट के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए एक इम्पैक्ट समिट का आयोजन भी किया गया। इसके अलावा कैटेलिस्ट, आईआईटी मंडी द्वारा आयोजित स्टार्ट-अप एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम के लिए दो प्रोजेक्ट्स को चुना गया है, जिन्हें संरक्षण, नेटवर्किंग एवं प्रशिक्षण के अलावा रु 15 लाख का आर्थिक सहयेग मिला है।
इस अवसर पर डॉ प्रमथ राज सिन्हा, सह-संस्थापक, नरोपा फैलोशिप ने कहा, यह देखकर अच्छा लगता है कि नई शिक्षा नीति 2019 लिबरल आर्ट्स और कल्चर पर ध्यान केन्द्रित कर रही है, जिससे नरोपा फैलोशिप को नई दिशा मिलेगी। वहीं महामहिम दु्रकपा थुकसे रिनोपचे, सह-संस्थापक, नरोपा फैलोशिप ने कहा, ‘‘आने वाले कल के इन लीडर्स को सम्मानित करते हुए मुझे बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है, ये भविष्य में हिमालयी क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाएंगे।
जमयांग तसेरिंग नामग्याल, लद्दाख के विधायक, माननीय अतिथि ने कहा, ‘‘लद्दाख को केन्द्रशासित प्रदेश घोषित किया गया ऐसे में अब यहां उद्यमी वेंचर्स की ज़रूरत पहले से अधिक हो गई है जो स्थानीय युवाओं को नए अवसर प्रदान करें, ताकि क्षेत्र में रोज़गार के अवसर उत्पन्न हो सकें और लद्दाख के युवाओं को भविष्य को उज्जवल बनाया जा सके।