देहरादून: अगले 15 दिनों में राज्य के प्रत्येक ब्लाॅक में आदर्श विद्यालय प्रारम्भ कर दिए जाएं। स्थानीय भाषा व उत्तराखण्ड की विशिष्टताओं को
उत्तराखण्ड बोर्ड के स्कूलों के सिलेबस में शामिल कर अगले शैक्षणिक सत्र से लागू कर दिया जाए। बुधवार को बीजापुर हाउस में विद्यालयी शिक्षा व उच्च शिक्षा विभागों की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उक्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एलटी के जितने भी रिक्त पद हैं उन्हें नियमित भर्ती से भर दिया जाए। प्रत्येक स्कूल को प्रिंसीपल मिलना सुनिश्चित किया जाए। श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय व कुमायूं विश्वविद्यालय में डिपार्टमेंट आॅफ लोकल लेंगुएज स्थापित किया जाए। डिग्री कालेजों के सिलेबस में उŸाराखण्ड के इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था, भाषा, साहित्य, संस्कृति पर आधातिर जानकारी को प्रमुखता से सम्मिलित किया जाए। कालेज प्रवक्ता के लिए योग्यता हेतु यूजीसी के नेट की तर्ज पर राज्य स्तर पर भी स्टेट लेवल एलिजिबिलिटी टेस्ट नियमित तौर पर आयोजित करने के लिए कार्ययोजना बनाई जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि एलटी से पदोन्नति की प्रक्रिया को जल्द सम्पन्न कराया जाए। हर स्कूल में प्राचार्य मिलना सुनिश्चित किया जाए। आवश्यकता होने पर प्रभारी प्रिंसीपल नियुक्त किए जाएं। अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया में विलम्ब न हो, इसके लिए अध्यापक भर्ती बोर्ड बनाया जाए। यह बताए जाने पर कि नगर क्षेत्र में आरटीई के मानकों के अनुसार बहुत सी रिक्तियां हंैं, मुख्यमंत्री श्री रावत ने गेस्ट टीचर नियुक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के डायट केंद्रों को स्वायत्ता देते हुए उच्च स्तर का बनाया जाए। जिन राज्यों में ऐसी सुविधाएं नहीं हैं, उन राज्यों को सेवाएं उपलब्ध करवाई जाए। इससे ये केंद्र शिक्षा विभाग के लिए आय का स्त्रोत हो सकते हैं। प्रभारी सचिव, विद्यालयी शिक्षा डी सैंथिल पांडियन ने बताया कि प्रत्येक ब्लाॅक में 5-5 विद्यालयो को माॅडल स्कूल के लिए चिन्हित किया गया है। इन सभी चयनित स्कूलों की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। अगले 15 दिनों में इस योजना को लांच कर दिया जाएगा।