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डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने स्‍वैच्छिक एजेंसियों की स्‍थायी समिति की 31वीं बैठक की अध्‍यक्षता की

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास राज्‍य मंत्री(स्‍वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्‍यमंत्री, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने आज नई दिल्‍ली में स्‍वैच्छिक एजेंसियों की स्‍थायी समिति (स्‍कोवा) की 31वीं बैठक की अध्‍यक्षता की।  बैठक का आयोजन कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय के पेंशन और पेंशनभोगी कल्‍याण विभाग द्वारा किया गया।

डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने  कहा कि पेंशनभोगियों की समस्‍याओं के समाधान में स्‍कोवा ने फोकस तरीके से काम किया है। उन्‍होंने कहा कि आज की बैठकसार्थक रही और यह पेंशन तथा पेंशनभोगी कल्‍याण विभाग के कामकाज को दिखाता है।

पेंशनभोगियों की शिकायतों को सुनते हुए डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने समय पर समाधान करने का आश्‍वासन दिया और कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में सरकार पेंशनभोगियों की समस्‍याओं के समाधान की दिशा में काफी ध्‍यान दे रही है। उन्‍होंने कहा कि पेंशनभोगियों की मांगों के प्रति सरकार संवेदनशील है और उनके समाधान के प्रति संकल्‍पबद्ध है।

डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने पेंशनभोगियों के मामलों से निपटने में प्रलेखन प्रक्रिया के अधिकतम डिजिटीकरण पर बल दिया। उन्‍होंने बताया कि पेंशन विभाग ने पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया तथा अन्‍य दस्‍तावेजों का डिजिटीकरण किया है। उन्‍होंने कहा कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से पेंशन अदालतें काम कर रही हैं और पेंशनभोगियों के लिए  पोर्टल बनाया गया है, जहां आसानी से पीपीओ की स्थिति देखी जा सकती है। उन्‍होंने कहा कि इस तरह पेंशनभोगियों के कल्‍याण के लिए टेक्‍नालॉजी का अधिकतम उपयोग किया जा रहा है।

      डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि सेवा निवृत्‍त व्‍यक्ति समाज के लिए सम्‍पत्ति हैं और देश को सेवा निवृत्‍त व्‍यक्तियों के ज्ञान और अनुभव के बेहतर उपयोग के लिए एक व्‍यवस्‍था बनाने की आवश्‍यकता है। इससे वर्तमान परिदृश्‍य में मूल्‍यवर्धन करने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि सेवानिवृत्‍त कर्मचारी भारत के लिए स्‍वस्‍थ और उत्‍पादक कार्यबल हैं और हमें उत्‍पादक दिशा में उनकी ऊर्जाओं को सक्रिय करने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि सेवा निवृत्‍त कर्मीको अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए पेंशनभोगियों को परामर्श देना चाहिए। हमें पेंशनभोगियों  के अनुभव से सीख लेनीचाहिए। उन्‍होंने कहा कि पेंशन तथा पेंशनभोगी कल्‍याण को नया रूप देना चाहिए ताकि पेंशनभोगी राष्‍ट्र निर्माण प्रक्रिया का अंग बन सके।

      डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने पेंशनभोगियों की शिकायतों के समयबद्ध समाधान का निर्देश देते हुए कहा कि हमें पेंशनभोगियों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण दृष्टि रखनी चाहिए।

      बैठक में स्‍कोवा की 30वीं बैठक की रिपोर्ट पर उठाये गए कदमों पर चर्चा की गई। बैठक में गैर-सीजीएचएस क्षेत्र में रहने वाले पेंशनभोगियों की स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना तथा डाक और टेलीग्राफ विभाग के पेंशनभोगियों को सीजीएचएस सेवाओं के विस्‍तार पर चर्चा की गई। समाधान के लिए 31 मामलों में से आठ मामलों का सार्थक समाधान किया गया।

      पेंशन तथा पेंशन कल्‍याण विभाग के सचिव श्री के वी इपेन ने पेंशनभोगियों की शिकायतें दूर करने में विभाग द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की और बताया कि स्‍कोवा की 30वीं बैठक में उठाये गए विभिन्‍न मामलों में से 80 प्रतिशत मामलों में कार्रवाई की गई।

      इस अवसर पर संयुक्‍त  सचिव(पेंशन) श्री संजीव नारायण माथुर तथा विभाग के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में पेंशनभोगी संघों के सदस्‍यों तथा विभिन्‍न मंत्रालयों/विभागों के वरिष्‍ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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