नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार से मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना में तेजी लाने का आग्रह किया है तथा राज्य के मुख्यमंत्री से सर्वोच्च स्तर पर इस कार्यक्रम की
निगरानी करने की अपील की है जिससे कि इसे उचित प्राथमिकता प्राप्त हो सके।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि मृदा स्वास्थ्य कृषि के सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है और मृदा के स्वास्थ्य में गिरावट का उत्पादकता पर दीर्घकालिक लिहाज से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। सरकार समेकित पोषण प्रबंधन के द्वारा मृदा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर काफी जोर देती रही है। सरकार ने मृदा नमूनों का संग्रह करने, विश्लेषण संचालित करने तथा समयबद्ध तरीके से मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करने के कार्यक्रम की भी घोषणा की है। जब 19 फरवरी, 2015 को इस योजना की घोषणा की गई थी तो परिकल्पना की गई थी कि तीन वर्षों की अवधि में 47.70 लाख किसानों से मृदा नमूने संग्रहित कर लिए जाएंगे और उन नमूनों की जांच करने के बाद उन्हें मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी कर दिए जाएंगे। 10 सितंबर, 2015 को सरकार द्वारा फैसला किया गया कि यह महत्वपूर्ण कार्य तीन वर्षों की जगह दो वर्षों में पूरा कर लिया जाना चाहिए। इसी के अनुरूप उत्तर प्रदेश सरकार को 14 एवं 17 सितंबर, 2015 को भेजे गए पत्रों में मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करने के लक्ष्य को 2015-16 के 15.90 लाख बढ़ाकर 18 लाख कर दिये जाने का आग्रह कर दिया गया था। ठीक इसी प्रकार 2016-17 के लिए उत्तर प्रदेश के लक्ष्य को 15.90 लाख से बढ़ाकर 29.70 लाख कर दिया गया था।
उन्होंने कहा है कि विभिन्न राज्य सरकारों के प्रदर्शन की एक समीक्षा प्रदर्शित करती है कि उत्तर प्रदेश अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर रहा है। 9 दिसंबर, 2015 तक 18 लाख नमूनों के लक्ष्य के मुकाबले केवल 4.68 लाख नमूने ही संग्रहित किए गए हैं और केवल 22,894 नमूनों का ही विश्लेषण किया गया है।
श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि मृदा स्वास्थ्य कृषि में विशेष रूप से सिंचित क्षेत्रों में, जहां यूरिया के व्यापक उपयोग का दुष्परिणाम मृदा स्वास्थ्य में गिरावट, निक्षालन एवं सक्रियकरण के रूप में सामने आया है। इसे देखते हुए आपसे आग्रह किया जाता है कि आप कृपया इस कार्यक्रम की अपने स्तर पर निगरानी करें जिससे कि उत्तर प्रदेश के लिए निर्धारित लक्ष्य अर्जित किये जा सकें एवं इस कार्यक्रम को उतनी प्राथमिकता प्राप्त हो सके जितने का यह हकदार है।