नई दिल्ली: आवास और शहर कार्य राज्य मंत्री श्री हरदीप एस.पुरी ने विकास के मूल में निरंतरता के साथ शहरी नियोजन में तेजी से बदलाव लाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि हमें ऊर्जा की बर्बादी वाले माहौल से हट कर ऊर्जा की बचत करने पर ध्यान देना चाहिए अथवा बेहतर होगा कि हम ऊर्जा उत्पादन की दिशा में आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि फिर से बनाए गए भवन संबंधी नियमों और निर्माण कार्य प्रणाली के मूल में ऊर्जा दक्ष इंजीनियरिंग और निर्माण प्रौद्योगिकी होनी चाहिए। श्री पुरी आज नई दिल्ली में सार्वजनिक भवन निर्माण का उभरता दौर-निर्माण प्रौद्योगिकी वर्ष विषय पर केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। सेमिनार में आवास और शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, सीपीडब्ल्यूसी के महानिदेशक, वास्तुशिल्पी, शहरी नियोजनकर्ता श्री प्रभाकर सिंह और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।
सेमिनार में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्री पुरी ने कहा कि भारत के शहरीकरण के बढ़ने के कारण खतरनाक ई-कचरे सहित कचरे की मात्रा और उसे निपटाने की जटिलता बढ़ रही है और ऊर्जा की अत्यधिक मांग बढ़ रही है, जिसे वर्तमान जीवाश्म ईंधन संसाधनों की मदद से पूरा करना संभव नहीं है। यदि हम बड़े पैमाने पर अपने भविष्य की जरूरतों को पूरा करना चाहते हैं, तो इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नवीन खोज की आवश्यकता होगी, जिससे हमारे प्राकृतिक संसाधनों पर असर नहीं पड़ेगा और पारिस्थितिकी प्रणाली भी प्रभावित नहीं होगी।
यह कहते हुए कि भवन निर्माण सहित टैक्नोलॉजी की गति काफी तेज हुई है, आवास मंत्री ने कहा कि जनसंख्या बढ़ने के साथ संसाधन कम होते जाते हैं, कम होते संसाधनों का दक्षता से इस्तेमाल हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है। निकट भविष्य में हमारे शहरों को अधिक स्मार्ट होना पड़ेगा और इन शहरों का हिस्सा होने के नाते सार्वजनिक इमारतों और उसके वास्तुशिल्प को भी स्मार्ट बनाने की आवश्यकता है। यह तभी हकीकत बनेगा, जब ऐसे प्रयास का प्रत्येक खंड और प्रत्येक साझेदार नवीनतम टैक्नोलॉजी और दुनिया भर में आकार ले रहे दौर के साथ गति बनाकर रखे।
आवास और शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने सीपीडब्ल्यूडी द्वारा एक निश्चित समय पर कठिन कार्यों को पूरा करने में अपनाए गए नवोन्मेष तरीकों के लिए उसे बधाई दी। उन्होंने सीपीडब्ल्यूडी में सर्वश्रेष्ठ ईआरपी समाधान अपनाने का आह्वान किया।
इससे पहले, श्री पुरी ने सीपीडब्ल्यूडी के अनेक प्रकाशनों जैसे ‘आर्किटेक्चरल फुटप्रिंट्स ऑफ सीपीडब्ल्यूडी’, ‘कन्जर्वेशन ऑडिट’ और ऑनलाइन मॉडयूल्स ऑन कंस्ट्रक्शन टैक्नोलॉजी वर्ष 2019-20 को जारी किया।