देहरादून: केदारनाथ तीर्थ पुरोहित/वन अधिनियम एवं सेंचुरी पार्क के संबन्ध में बीजापुर अतिथि गृह में मंगलवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केदारनाथ क्षेत्र से आये जनप्रतिनिधियों व
सम्बंधित अधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक में जनप्रतिनिधियों ने बताया कि सेंचूरी क्षेत्र होने से क्षेत्र का विकास का दौर पिछडता जा रहा है, आज भी कई मामले स्वीकृति के बावजुद भी धरातल पर नहीं उतर पा रहे है जिसके चलते क्षेत्र में जीवन की महत्वपूर्ण रेखा समझी जाने वाली सड़के गांव से कोसो दूर है। जिनमें मानसूना-गडगु, जालतल्ला से चिलोण्ड, राॅशी से तल्सारी एवं त्रियुगीनारायण से तौसी सड़को का निर्माण कार्य में वन अधिनियम के कारण दिक्कत आ रही है। जिसपर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राॅशी से तल्सारी सड़क मार्ग के 800 मी. अवशेष हिस्से को शीघ्र बनाने हेतु सम्बंधित अधिकारियों को धनराशि मुहैया कराने के निर्देश देते हुए कहा कि निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कर दिया जाये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने जालतल्ला से चिलोण्ड सड़क मार्ग का 2 कि.मी. का निर्माण कार्य भी शीघ्र करने के निर्देश दिये जबकि शेष सडक मार्ग का प्रस्ताव शीघ्र स्वीकृति हेतु भारत सरकार को भेजने के निर्देश दिये। उन्होने सेंचुरी एरिया के अंर्तगर्त पूर्व से रह रहे लोगो की फारेस्ट कमेटी के तहत प्रस्ताव लाने के लिये कहा।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री रावत ने केदारनाथ क्षेत्र से आये पुरोहितों की समस्या भी सुनी। उन्होने कहा कि पुरोहितों के भवनों का मुआवजा मुख्यमंत्री आपदा कोष से दिया जायेगा साथ ही कहा कि सहायता से वंचित रह गये मजदूरों को भी शीघ्र भुगतान दे दिया जायेगा।
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