उप-राष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने युवकों और बच्चों से अधिक संख्या में एनसीसी में शामिल होने के लिए कहा है। श्री अंसारी आज दिल्ली कैंट में
एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एनसीसी युवाओं को सुदृढ़, लचीला और जिम्मेदार वयस्क बनाने में सहायता देता है। उन्होंने आशा व्यक्त कि अभिभावक अपने बच्चों को एनसीसी में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगे, क्योकि एनसीसी की सार्थक गतिविधियों से बच्चों में उपलब्धि भाव आता है।
उप-राष्ट्रपति के भाषण का मूल पाठ इस प्रकार हैः
आज सवेरे एनसीसी शिविर में एनसीसी का ध्वज फहरा कर मुझे प्रसन्नता हो रही है। राष्ट्रीय कैडेट कोर हमारे युवा- ‘कल के नेता’ को अनुशासित और देशभक्त नागरिक बनाता है। 1948 में एनसीसी के गठन के बाद से इसका मिशन छात्रों की आकादमिक गतिविधियों का पूरक बनना है और युवाओं को संसाधन संपन्न, लचीला, उत्तरदायी तथा निष्ठावान नागरिक बनाना है।
एनसीसी ने इसके लिए अपने कैडेटों को व्यापक शिक्षण और प्रशिक्षण गतिविधियां प्रदान करता है। इनमें हथियार प्रशिक्षण, ड्रील, फील्ड क्राफ्ट, मैप रिडिंग, कैम्पिंग, आत्म रक्षा तथा नागरिक रक्षा शामिल है। इसके अतिरिक्त एनसीसी के समुद्री कैडेट नौका और गोताखोरी प्रशिक्षण पाते है। एनसीसी के वायु कैडेट उड़ान भरने तथा एयरोमॉडलिंग का प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। कैडेटों के पास पर्वतारोहण और ग्लाइडिंग पाठ्यक्रम में भी शामिल होने का विकल्प होता है। एनसीसी की वर्तमान उत्साहवर्धक गतिविधियां युवाओं में साहस की भावना भरने का काम करती हैं। इन गतिविधियों के दौरान कैडेट साहस, अनुशासन, विश्वास तथा अधिकारी के प्रति आदर जैसे मूल्य सीखते हैं।
कैडेट संवाद और सहयोग विशेषकर संयुक्त परियोजनाओं पर सामूहिक रूप से काम करने का अवसर पाते हैं। इन गतिविधियों से उन्हें चरित्र विकास, नेतृत्व प्रशिक्षण और दल भावना विकसित करने का अवसर मिलता है। एनसीसी का सिद्धांत एकता और अनुशासन है और यह सिद्धांत युवाओं को आत्मविकास और अपनी क्षमता वृद्धि का अवसर प्रदान करता है। एनसीसी हमारे लोगों के चरित्र और नैतिक प्राकृति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है और अंततः इससे राष्ट्र को गतिशीलता प्राप्त होती है।
मुझे बताया गया है कि एनसीसी कैडेटों की कुल संख्या 13,00,000 है। मैं और अधिक संख्या में युवाओं को एनसीसी में शामिल होने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना चाहूंगा, ताकि युवाओं को वैसा शैक्षणिक अनुभव का लाभ मिले जो चरित्र निर्माण करता हो और युवाओं को सुदृढ़, लचीला और जिम्मेदार वयस्क बनाता हो। मैं यह आशा भी करता हूं कि अभिभावक अपने बच्चों को एनसीसी में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेंगे क्योंकि अनेक स्वस्थ्य और सार्थक गतिविधियां उन्हें व्यस्त रखेगी और उनमें उपलब्धि भावना भरेंगी। वास्तव में जो लोग चुनौती, साहस और विकास में दिलचस्पी रखते है उन्हें एनसीसी की पेशकश से आगे कुछ और देखने की जरूरत नहीं है।
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