नई दिल्ली: 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री एन. के. सिंह और इसके सदस्यों तथा वरिष्ठ अधिकारियों ने आज सिक्किम के शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
वित्त आयोग को इस बारे में सूचित किया गया:
- राज्य में शहरी स्थानीय निकायों की स्थापना के लिए मार्च 2017 में सिक्किम नगरपालिका अधिनियम 2007 लागू किया गया था। राज्य में यूएलबी का गठन वर्ष 2010-11 में किया गया था।
- सिक्किम सरकार शहरी स्थानीय निकायों के लिए नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों की त्रिस्तरीय संरचना को अपनाती है।
- सिक्किम में कुल मिलाकर 7 यूएलबी है, जिनमें से 1 नगर निगम, 3 नगर परिषद और 3 नगर पंचायतें हैं।
- कुल 18 कार्यकलापों में से सिर्फ 6 कार्यकलापों को ही यूएलबी को हस्तांतरित किया गया है। शेष कार्यकलापों को भी यूएलबी को हस्तांतरित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।
- सिक्किम के 5वें राज्य वित्त आयोग (एसएफसी) ने जुलाई 2017 में अपनी रिपोर्ट पेश की।
- पांच वर्षों के लिए 134.1163 करोड़ रुपये की अनुमानित आवश्यकता।
- बुनियादी ढांचागत सुविधाओं, यूएलबी कार्यालय, टाउन हॉल और प्रशिक्षण संस्थानों हेतु 660 करोड़ रुपये की अतिरिक्त एकबारगी अनुदान के लिए अनुरोध किया गया।
वर्ष 2017-18 में राज्य द्वारा प्रदान किए गए यूएलबी के राजस्व स्रोत ये हैं (करोड़ रुपये में)-
स्वयं के स्रोत | 14वें वित्त आयोग की ओर से हस्तांतरण | एसएफसी की ओर से अंतरण | राज्य सरकार की ओर से अनुदान सहायता |
8.59 | 7.15 | 2.94 | 1.93 |
यूएलबी के लेखांकन से संबंधित कुछ विचारार्थ मुद्दे ये हैं:
- सिक्किम नगरपालिका अधिनियम, 2007 के संबंधित प्रावधान और संपदा कर की वसूली के लिए 13वें वित्त आयोग द्वारा आवश्यक बताये जाने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा संपदा कर बोर्ड का गठन किया जाना अब भी बाकी है।
- यूएलबी को संबंधित कार्यकलापों का हस्तांतरण अब तक पूरा नहीं हो पाया है।
इस बीच, पांचवें राज्य वित्त आयोग की सिफारिशें निम्नलिखित हैं:
- राज्य के स्वयं के कर राजस्व 2020-2025 का 4.5 प्रतिशत स्थानीय निकायों को हस्तांतरित कर दिया जाना चाहिए।
- राज्य के स्वयं के कर राजस्व की विशुद्ध राशि का 0.5 प्रतिशत पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) और यूएलबी के क्षमता निर्माण के लिए आवंटित कर दिया जाना चाहिए।
- राज्य के स्वयं के कर राजस्व की विशुद्ध राशि का 0.5 प्रतिशत सर्वाधिक पिछड़े पीआरआई और यूएलबी को विशेष सहायता देने के लिए आवंटित कर दिया जाना चाहिए।
सिक्किम के नगर निगमों के प्रतिनिधि यथा श्री शक्ति सिंह चौधरी, महापौर, गंगटोक नगर निगम, गंगटोक, पूर्वी सिक्किम; सुश्री लेशी डोमा भूटिया, उप महापौर, गंगटोक नगर निगम, पूर्वी सिक्किम; श्री उदय चंद्र राय, अध्यक्ष, नामची नगर परिषद, नामची, दक्षिण सिक्किम; सुश्री दिकी लामू भूटिया, उपाध्यक्ष, नामची नगर परिषद, नामची, दक्षिण सिक्किम; श्री इन्द्र कुमार न्यूपैनी, अध्यक्ष, ग्यालशिंग नगर परिषद, ग्यालशिंग, पश्चिम सिक्किम; सुश्री झंगमू भूटिया, उपाध्यक्ष, ग्यालशिंग नगर परिषद, ग्यालशिंग, पश्चिम सिक्किम; सुश्री टीका गुरंग, अध्यक्ष, नया बजार जोरेथांग, नगर परिषद, जोरेथांग, दक्षिण सिक्किम; सुश्री पेमा तमांग, उपाध्यक्ष, नया बजार जोरेथांग, नगर परिषद, जोरेथांग, दक्षिण सिक्किम; सुश्री झंगमू भूटिया, अध्यक्ष, मंगन नगर पंचायत, मंगन, उत्तरी सिक्किम; सुश्री नीमा डोमा लेप्चा, उपाध्यक्ष, मंगन नगर पंचायत, मंगन, उत्तरी सिक्किम; श्री सावन कुमार प्रधान, अध्यक्ष, सिंगतम नगर पंचायत, सिंगतम, पूर्वी सिक्किम; सुश्री बिष्णु माया शेरपा, उपाध्यक्ष, सिंगतम नगर पंचायत, सिंगतम, पूर्वी सिक्किम; सुश्री माया सिंटूरी, अध्यक्ष, रंगपो नगर पंचायत, रंगपो, पूर्वी सिक्किम और श्री लाल कुमार राय, उपाध्यक्ष, रंगपो नगर पंचायत, रंगपो, पूर्वी सिक्किम इस अवसर पर वित्त आयोग के साथ बैठक में उपस्थित थे।
वित्त आयोग ने शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के प्रतिनिधियों द्वारा व्यक्त की गई समस्त चिंताओं को नोट किया और केन्द्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत की जाने वाली अपनी सिफारिशों में इनका निराकरण करने का आश्वासन दिया।