नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज न्यूयॉर्क में ब्लूमबर्ग ग्लोबल बिजनेस मंच पर प्रमुख व्याख्यान दिया।
प्रतिष्ठित लोगों की सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस अवसर का उपयोग भारत की विकास गाथा की भविष्य की दिशा के बारे में बात करने के लिए करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की विकास गाथा चार स्तंभों डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी, डिमांड एवं डिसाइवनेस अर्थात् लोकतंत्र, जनसांख्यिकी, मांग और निर्णायकता पर आधारित है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को देश में राजनीतिक स्थिरता के माहौल से लाभ हुआ है।
प्रधानमंत्री ने सरकार द्वारा लागू किए गए सफल सुधारों की वैश्विक मान्यता पर भी प्रकाश डाला। इस संबंध में उन्होंने लॉजिस्टिक्स परफॉरमेंस इंडेक्स यानी लॉजिस्टिक्स कुशलता सूचकांक में दस पायदान की छलांग, वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक में तेरह अंकों की छलांग, ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में चौबीस पायदान की वृद्धि के साथ ही विश्व बैंक की गणना के अनुसार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स यानी कारोबारी सुगमता सूचकांक में 65 पायदान के सुधार का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने ब्लूमबर्ग नेशनल ब्रांड ट्रैकर 2018 सर्वेक्षण का भी जिक्र किया, जिसने हाल ही में वैश्विक निवेश को आकर्षित करने वाली एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में भारत को शीर्ष स्थान दिया है। इस रिपोर्ट के 10 में से 7 संकेतकों – राजनीतिक स्थिरता, मुद्रा स्थिरता, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद, भ्रष्टाचार विरोधी रुख, कम उत्पादन लागत, रणनीतिक स्थान और आईपीआर को सम्मान देने के लिए भारत को शीर्ष स्थान पर रखा गया है।
प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के मोर्चे पर भी प्रधानमंत्री ने वैश्विक व्यापार समुदाय को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि उनकी तकनीक तथा भारत की प्रतिभा मिलकर दुनिया बदल सकती है; भारत के कौशल के साथ उनकी स्केल यानी व्यापकता वैश्विक आर्थिक विकास को गति दे सकती है।
प्रधानमंत्री के मुख्य भाषण के बाद उनका ब्लूमबर्ग के संस्थापक श्री माइकल ब्लूमबर्ग के साथ एक संवाद सत्र भी हुआ।