देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में हिमालयी क्षेत्र के राज्यों के लिए ग्राम पंचायत विकास योजना (जी.पी.डी.पी) के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन पर आयोजित कार्यशाला में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने दो दिवसीय इस कार्यशाला का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया। ग्राम पंचायत विकास योजना अभियान के तहत ‘‘हिमालयी राज्यों में सामाजिक व आर्थिक रूपांतरण’’ विषय पर ऋषिकेश में दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है। पंचायत राज विभाग,उत्तराखण्ड, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार व नेशलन इंस्टीट्यूट आफ रूरल डेवलपमेंट एंड पंचायत राज द्वारा 10 व 11 अक्टूबर को परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि ‘‘सबकी योजना सबका विकास’’ के उद्देश्य से पंचायतीराज विभाग द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। हिमालयी राज्यों में काफी भौगोलिक समानता है। हिमालयी राज्यों के समूह, पंचायतों के विकास के लिए जब इस तरह से चिन्तन करेंगें, तो निश्चित रूप से आने वाले समय में इसके सकारात्मक परिणाम होंगे। इस तरह की कार्यशाला के आयोजन से जहां जन प्रतिनिधियों में जानकारी का आदान-प्रदान होगा, वहीं एक-दूसरे से कार्य करने की प्रेरणा भी मिलेगी। जिसमें पंचायती राज से संबंधित विभिन्न विभागों के अधिकारी पंचायतीराज के कार्यों की जानकारी देंगे। इस तरह की कार्यशालाएं गांवों के विकास के लिए नया आयाम देने का कार्य करेंगी। हमारे पंचायत प्रतिनिधि इन कार्यशालाओं के माध्यम से अपने गांवों में एक नया संदेश लेकर जायेंगे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि गांवों व समाज के विकास के लिए जनप्रतिनिधियों से जनता की बहुत उम्मीदें होती हैं। उन्होंने कहा कि पंचायतों में कुछ जन प्रतिनिधि सराहनीय कार्य करते हैं। राजनीतिक इच्छा शक्ति के बिना कोई भी कार्य सम्भव नहीं है। जनप्रतिनिधियों में कार्य करने के जज्बे के साथ अच्छी सोच होना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों द्वारा पंचायती राज से सबंधित इस कार्यशाला में विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जायेगी। पंचायतों के प्रतिनिधियों को कई नई जानकारी प्राप्त होगी। अपर सचिव पंचायतीराज भारत सरकार श्री संजय सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायत विकास योजना के तहत ‘सबकी योजना सबका विकास’ के तहत ग्राम पंचायतों में आर्थिक व सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए 02 अक्टूबर से 31 दिसम्बर तक देश के विभिन्न स्थानों पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। इसे एक अभियान के रूप में लिया गया है। इसके तहत 18 विभाग 28 क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं।