नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज रेस कोर्स मार्ग से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए छत्तीसगढ़ के नया रायपुर में राष्ट्रीय युवा दिवस के लिए उद्घाटन भाषण
दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद, जिनकी आज जयंती है, सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा थे और इस बात के एक बेहतरीन उदाहरण थे कि अल्प आयु अवधि में भी कितना कुछ हासिल किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में एकत्रित देश के विभिन्न हिस्सों से आए युवक देश की विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन वे भारत माता की सेवा करने के एक ही मंत्र से जुड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि एकजुटता के इसी संकल्प ने एक दिन हमें आजादी दिलाई थी और आज यह भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। उन्होंने कहा कि 125 करोड़ लोग राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लक्ष्य से बंधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे राष्ट्र को, जो इतना अधिक युवा हो, उसके लक्ष्य एवं स्वप्न असीम होने चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि परिभाषा के अनुसार युवा वह होता है, जो बिना अतीत की चिंता किए, अपने भविष्य के लक्ष्यों की दिशा में काम करता है।
प्रधानमंत्री ने सद्भाव और एकजुटता पर जोर दिया और कहा कि शांति, एकता, सद्भाव के बिना विकास का कोई अर्थ नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बहरहाल, हम जितना भी विकसित क्यों न हो जाएं, शांति हमारी पहली आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने विश्व को प्रदर्शित कर दिया है कि ऐसी विविधता की भूमि के पास एकजुट बने रहने की एक अनूठी भावना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमारे पूर्वजों की विरासत है जो वेद से विवेकानंद एवं उपनिषद से उपग्रह तक विस्तारित है।
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत का लक्ष्य अपने युवकों को इस सदी को भारत का सदी बनाने के लिए क्षमताएं एवं कौशल प्रदान करना है। उन्होंने नक्सलवाद की समस्या के बावजूद इस दिशा में प्रगति करने के लिए छत्तीसगढ राज्य की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री ने श्रम के गौरव के महत्व पर जोर दिया और कहा कि इसे लोगों के बीच अनिवार्य रूप से अंतर्निविष्ट कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकास के लिए भारत का लक्ष्य गरीबों के जीवन, खासकर, गांव में रहने वाले गरीबों के जीवन को रूपांतरित करना होना चाहिए। उन्होंने युवकों से 16 जनवरी को नई दिल्ली में स्टार्ट अप इंडिया समारोह के शुभारंभ का साक्षी बनने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने युवाओं से वर्ष 2019 एवं 2022 के लिए ठोस लक्ष्य बनाने की दिशा में विचार करने की अपील की जो महात्मा गांधी की 150वीं जयंती एवं स्वतंत्रता की 75वीं सालगिरह का वर्ष होगा।