देहरादून: इस वर्ष पंचायतीराज कानून लाया जाएगा। क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतों को सशक्त करने के लिए प्रभावी कदम उठाए
जाएंगे। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक स्थानीय वैडिंग पाइंट में क्षेत्र व जिला पंचायत राज्य स्तरीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि त्रिस्तरीय ढांचा पंचायती प्रणाली का आधार स्तम्भ है। इसमें ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत का अपना अपना महत्व है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि भारत सरकार द्वारा अपनाए गए नये फंडिंग पैटर्न से क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत को नुकसान हो रहा है। केंद्र सरकार ने क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतों की जिम्मेवारी पूरी तरह से राज्य सरकार पर छोड़ दी है। अपने सीमित संसाधन होते हुए भी हम क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए तत्पर हैं। हमने केंद्र सरकार कोसे क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतों के लिए सहायता राशि दिए जाने का अनुरोध किया है। क्षेत्र पंचायत/जिला पंचायत को अगर ताकत नहीं दी गई तो त्रिस्तरीय ढांचा बिगड़ जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि क्षेत्र/जिला पंचायतो को जितनी वित्तीय मदद हो सके राज्य सरकार करेगी। अगले वित्तीय बजट में जिला पंचायतो के लिये अलग से हैड होगा। डीपीसी की बैठको में रोटेशन के आधार पर ब्लाक प्रमुखों को आमंत्रित किया जायेगा। जिला पंचायतो को एक कि0मी0 तक की सड़को के निर्माण हेतु सरकारी तौर पर कार्यदायी सस्ंथा बनाया जायेगा। जिला पंचायतो की आमदनी किस तरह बढ़ाई जाये इस हेतु केबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह एवं मुख्य सचिव के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक कर चर्चा की जायेगी।
उन्होने कहा कि इस वर्ष ही प्रदेश में पंचायती राज कानून लाया जायेगा। फंडिंग पैटर्न की समस्या पर मुख्य सचिव वित्त सचिव, भारत सरकार को पत्र लिख अपना पक्ष रखेंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वो स्वंय भी इस विषय में प्रधानमंत्री से भेंट कर समस्या से अवगत करायेंगे तथा यह भी अनुरोध करेंगे कि केन्द्र सरकार स्पेशल ग्रान्ट के तौर पर क्षेत्र/जिला पंचायतों को वित्तीय सहायता करें।