नई दिल्ली: भारतीय सेना ने आज अपना 68वां सेना दिवस मनाया। थल सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने दिल्ली छवनी के सेना परेड मैदान में
परेड का निरीक्षण किया और बहादुरी के लिए 15 सेना मेडल (पांच मरणोपरांत) तथा संबंधित यूनिटों को शानदार प्रदर्शन के लिए 13 सीओएएस यूनिट साइटेशन प्रदान किए।
हर वर्ष भारतीय सेना 15 जनवरी को सेना दिवस मनाती है। इसी दिन जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) के.एम. करियप्पा ने 1949 में अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल सर एफआरआर बुचर से सेना की कमान प्राप्त की थी। इस तरह वे स्वतंत्र भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे।
सेना दिवस के अवसर पर दिल्ली छावनी के सेना परेड मैदान में एक शानदार परेड का आयोजन हुआ, जिसमें 7 मेकेनाइज्ड (टी-90 टैंक, बीएमपी-2, ब्रहमोस मिसाइल प्रणाली, आकाश मिसाइल प्रणाली, स्मर्च मल्टी बैरल रॉकेट लांचर, ट्रूप लेवल रडार और इंटीग्रेटिड कम्युनिकेशन इलेक्ट्रोनिक वार फेयर) तथा 9 सैन्य दलों ने हिस्सा लिया। सैन्य दलों में आर्मी डॉग दल भी शामिल था। सेना के कुत्तों के साथ उनके प्रशिक्षक भी परेड में शामिल थे, जिन्होंने सलामी दी। सेना के कुत्तों का इस्तेमाल विस्फोटकों को पहचानने, पीछा करने, पहरा देने और हमला करने जैसे विशिष्ट कामों में होता है। भारतीय सेना की झांकी भी पेश की गई, जिसमें पूर्व सैनिकों की भूमिका और राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को दिखाया गया था। इसके अलावा परेड के दौरान आर्मी डेयरडेविल्स ने मोटरसाइकिल पर जांबाज प्रदर्शन किया।
परेड के अंत में युद्ध कौशल और सेना यूनिटों की लडाकू तकनीक भी पेश की गई, जिनमें रूद्र हैलिकॉप्टर और दुश्मन की सीमा में घुसकर हमला करने में भारतीय फौज के सामार्थ्य को प्रदर्शित किया गया।
इसके पूर्व तीनों सेना प्रमुखों ने इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि अर्पित की।