देहरादून: बीजापुर अतिथि गृह में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जलागम विभाग की समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रदेश में जलसंवर्द्धन के
लिए जलाशयों पर किये जा रहे कार्यों के बारे में विस्तृत से चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्षां जल का संवर्द्धन कर कृषि हेतु इसका उपयोग किया जाए। साथ ही पानी की कमी को दूर करने के लिए वर्षा जल का प्रयोग किया जाए एवं लोगों को वर्षा जल संरक्षण हेतु जागरूक करने के प्रयास किए जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि तालाब निर्माण के बजट में जो ग्राम सभा मनरेगा के बजट को युगपतिकरण कर जलाशय निर्माण करना चाहें, उन्हें प्राथमिकता दी जाए। वर्षा जल संरक्षण करने वाले लोगों को भी वाॅटर बोनस दिया जायेगा। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्राम तालाब विकास योजना के तहत जो भी प्रस्ताव प्राप्त हुए है, उन्हें अगले वित्तीय वर्ष में स्वीकृति हेतु रखा जाए। उन्होंने प्रमुख वन संरक्षक बीना शेखरी को निर्देश दिए कि कैम्पा के तहत बनने वाले जलाशय की संख्या को दोगुना किया जाए। उन्होंने कहा कि वनों में लेंटिना घास की सफाई कर वनों के बीच नाली, गड्ढे बनाये जिससे की वर्षा जल का संरक्षण हो सकें, जिससे जंगलों में आग की सुरक्षा के साथ-साथ पशुओं के लिए घास भी मुहैया हो सकेगा। उन्होंने कहा कि वनों में भी जलाशय निर्माण को प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि जलनिगम, कृषि, स्वजल आदि महत्वपूर्ण विभागों की बैठक कर इस संबंध में कार्ययोजना बनाई जाए।