देहरादून: राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में प्रदेश के विभिन्न धर्म गुरूओं एवं प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से भेंट कर प्रदेश में अमन चैन, आपसी सद्भाव कायम रखने एवं सबका साथ सबका विकास एवं सबका विश्वास की दिशा में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। सभी ने राम जन्मभूमि के सम्बन्ध में मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय को ऐतिहासिक एवं समाज को जोड़ने वाला बताया उनका कहना था कि हमारी गंगा जमुनी संस्कृति हमे आपसी सद्भाव के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। हमारे साधू संतो व सूफियो की इस धरती ने सारी दुनिया को समाज की खुशहाली का सन्देश दिया है। हम सबका विकास आपसी एकता व भाई चारे में ही निहित है। सभी ने खूबसूरत उत्तराखण्ड के निर्माण में अपना सहयोग देने का भी आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हमारे धर्मगुरू हमारे पथ प्रदर्शक है। देवभूमि की परम्परा के अनुरूप आपसी सद्भाव एवं भाईचारा हमारी पहचान है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के धर्म गुरूओं एवं धर्माचार्यों से इस प्रकार की मुलाकातों का सिलसिला भविष्य में भी जारी रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि हम सबका उद्देश्य आपसी सद्भाव के साथ राज्य को विकास की दिशा मे आगे बढ़ाना है। हम सबको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारा आपसी प्रेम एवं सौहार्द किसी भी कीमत पर कम नही होना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने राम जन्मभूमि के सम्बन्ध में मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय को सभी धर्म गुरूओं द्वारा सराहनीय एवं समाज के व्यापक हित में हुई पहल बताये जाने को भी सुखद बताया। उन्होंने कहा कि यह भी सुखद संयोग है कि राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर ही यह ऐतिहासिक फैसला मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राम जन्मभूमि का मामला वर्षों से लम्बित था, सबके सम्मान से जुड़े इस मामले में 5 जजों द्वारा एक मत से निर्णय दिया है, जिसका सकारात्मक सोच के साथ सभी ने स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में कई बार नासमझी या जानबूझ कर कोई समाज विरोधी हरकत न कर सकें इसके लिए व्यापक स्तर पर एहतियात बरती जानी जरूरी है इसके लिए सतर्कता बरती जा रही है। साथ ही पुलिस प्रशासन को भी एहतियात बरतने के निर्देश दिये गये हैं। प्रदेश में आपसी सद्भावना बना रहे यह हम सबकी जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द मुनी, महन्त ललितानन्द, महन्त महेशपुरी, भारत माता मन्दिर के आई.डी.शास्त्री, महन्त प्रेम गिरी, महन्त रोहित गिरी, काजी इरशाद मसूद, मौलाना अलताफ हुसैन, जनाब राव इरशाद, मौलाना शहनशांह, मुफ्ती वासिल कासमी, मौलाना अरशद, जनाब मोरोवाला, फादर जे.पी.सिंह के साथ ही डॉ0 देवेन्द्र भसीन, शादाब शम्स आदि उपस्थित थे।