देहरादून: नगर निगम टाउन हाॅल में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित ‘‘सांस्कृतिक संध्या‘‘ कार्यक्रम का मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दीप प्रज्वलित कर
शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने ‘‘सांस्कृतिक संध्या‘‘ में विभिन्न जनपदों से आये 25 पारम्परिक वाद्य कलाकारों को ढोल, दमाऊ एवं रणसिंघा सहित विभिन्न वाद्य यंत्र भेंट कर सम्मानित भी किया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि वाद्य जीवन का वह स्वर है जो हमें व हमारी संस्कृति को अलंकृत करते है। हमारी उत्तराखण्ड की संस्कृति देश व दुनिया की सबसे मजबूत पक्ष है। राज्य सरकार निरन्तर उत्तराखण्ड की संस्कृति व वाद्य यंत्रो को संरक्षित करने में प्रयासरत है एवं इन क्षेत्र के शिल्पी कलाकारों के लिये एक संस्थान भी खोला जा रहा है तथा उस संस्थान का नाम भी वाद्य कलाकार के ही नाम से ही रखा जायेगा।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आज लोकतंत्र एवं हमारा संविधान मजबूत हो रहा है। ताकतवर गण जन से बनता है, हम सभी को जन के लिए समर्पित भाव से कार्य करना होगा, ताकि जन की भागीदारी सुनिश्चित हो। हम भी विकास की दिशा में आगे बढ़ रहे है। गणतंत्र दिवस पर हम सभी को उम्मीद करनी चाहिए कि हमारा उत्तराखण्ड भी देश के साथ आग बढ़ेगा और तरक्की करेगा। यह हमारे संविधान की ही देन है कि हम आज विश्व की महान शक्तियों में शामिल हैं। विकास में तेजी लाने के लिए आवश्यक है कि हम लक्ष्य ऊॅचा रखें।
कार्यक्रम में विभिन्न जनपदों से आये कलाकारों, साहित्यकार एवं कवियों ने अपनी प्रस्तुति से समा बांध उत्तराखण्ड की पारंपरिक संस्कृति से रूबरू कराया।
इस अवसर पर पूर्व विधायक जोत सिंह गुंसौला, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट, मुख्यमंत्री के मीडिया को-आर्डिनेटर राजीव जैन, मुख्यमंत्री के जनसंपर्क समन्वयक जसबीर रावत आदि उपस्थित थे।
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